विदेश मंत्री S. Jaishankar SCO की बैठक में शामिल होने के लिए जाएंगे पाकिस्तान, जानें पूरा शेड्यूल

Written By स्मिता मुग्धा | Updated: Oct 04, 2024, 05:07 PM IST

पाकिस्तान जाएंगे विदेश मंत्री एस. जयशंकर

S. Jaishankar Pakistan Visit: विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान का दौरा करेंगे. इस्लामाबाद में SCO के काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) की बैठक में शामिल होंगे.

विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान का दौरा ( S. Jaishankar Pakistan Visit) करने वाले हैं. करीब 9 साल बा भारत सरकार में कैबिनेट रेंक के किसी मंत्री का दौरा पड़ोसी देश में होगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दौरे की पुष्टि करते हुए कहा कि विदेश मंत्री 15-16 अक्टूबर को पाकिस्तान जाएंगे. इस्लामाबाद में SCO के काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) की बैठक में हिस्सा लेंगे. दोनों ही देशों के लिए भारतीय विदेश मंत्री का दौरा कूटनीतिक संबंधों के लिहाज से महत्वपूर्ण है.

पाकिस्तान ने भेजा था पीएम मोदी को न्योता 
पाकिस्तान की ओर से 29 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बैठक में शामिल होने का न्योता दिया गया था. पाकिस्तान की विदेश विभाग की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा था, 'सभी सदस्य देशों के प्रमुखों को बैठक में भाग लेने के लिए निमंत्रण दिया गया है.' भारत की ओर से इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर जाएंगे. इससे पहले आखिरी बार राजनाथ सिंह ने सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान का दौरा किया था. 


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कठिन हालात में विदेश मंत्री का पाक दौरा
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध इस वक्त बेहद तनावपूर्ण हालात में हैं. दोनों ही देशों के बीच बातचीत और द्विपक्षीय संबंध अभी न के बराबर हैं. भारत की मांग है कि पाकिस्तान आतंकवाद को हर तरह का समर्थन देना बंद करे, उसके बाद ही कूटनीतिक संबंधों  की बहाली की कोशिश होगी. हालांकि, पाकिस्तान अब तक आतंकवाद पर लगाम लगाने में नाकामयाब रहा है. ऐसे वक्त में भारतीय विदेश मंत्री का पाकिस्तान दौरा बेहद अहम है. 

बता दें कि कुछ दिन पहले ही विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के सवाल पर कहा था कि भारत को अब इसकी जरूरत नहीं है. भारत पड़ोसियों के साथ बेहतर संबंध के पक्ष में है और हम बातचीत की गुंजाइश को खत्म नहीं करना चाहते हैं. पड़ोसी देश की ओर से जब तक आतंकियों को आश्रय देने और अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए होने पर रोक नहीं लगाई जाती है, कूटनीतिक संबंधों की बहाली तब तक संभव नहीं है.


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