किसानों की आत्महत्या के मामलों से हिला महाराष्ट्र का यवतमाल! डीएम ने बताए चौंकाने वाले आकंड़े

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 13, 2022, 11:02 AM IST

Farmer Suicide

Farmer Suicide: यवतमाल में किसानों द्वारा सुसाइड के हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए हैं. अगस्त और सितंबर में यहां 60 किसानों ने आत्महत्या की है.

डीएनए हिंदी: भारत में किसानों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है. सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद भी खेती करने वाला एक बड़ा वर्ग अभी भी सीमित संसाधनों में अपना जीवन व्यतीत कर रहा है. किसानों की आत्महत्या की खबरें भी लगातार हम लोगों को मिलती रहती है लेकिन महाराष्ट्र के यवतमाल से किसानों की आत्महत्या के जो आंकड़े सामने आए हैं वह हैरान करने वाले हैं. यवतमाल जिले के कलेक्टर अमोल येगे ने बताया कि अगस्त महीने में 48 किसानों ने आत्महत्या की है. इस महीने 12 ऐसे मामले सामने आए हैं. उन्होंने बताया कि इस साल 12 सितंबर तक 205 किसानों की आत्महत्या के मामले रिपोर्ट किए गए हैं. 

किसानों की आत्महत्या के मामलों का निर्धारण कैसे किया जाता है?
यवतमाल के जिला कलेक्टर अमोल येगे ने बताया कि हमारी समिति इन मामलों पर बैठती है और इन मामलों की योग्यता और अपात्रता का फैसला करती है. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन लगातार सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि सरकार के प्रोग्राम के तहत हमारे अधिकारी किसानों को मुद्दे और उनके विषय जानने के लिए 13-14 सितंबर को उनके साथ एक दिन बिताएंगे.

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तीन साल में 17,000 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की
इस साल फरवरी में सरकार ने लोकसभा में जानकारी दी थी कि 2018 से 2020 के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में 17,000 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया था कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में दुर्घटनाओं में मृत्यु और आत्महत्या के मामलों के आंकड़े संकलित करता है और वार्षिक रूप से इन्हें ‘भारत में दुर्घटनाओं में मृत्यु और आत्महत्याएं’ (एडीएसआई) रिपोर्ट के रूप में प्रकाशित भी करता है. उन्होंने बताया कि एडीएसआई रिपोर्ट के अनुसार 2018 में 5,763 किसानों ने, 2019 में 5,957 किसानों ने और 2020 में 5,579 किसानों ने आत्महत्या की थी.

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