Onion: महाराष्ट्र में किसानों को क्यों रुला रही प्याज? खड़ी फसल में लगानी पड़ रही आग

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 06, 2023, 11:53 PM IST

onion crops (सांकेतिक तस्वीर)

प्याज की खेती करने वाले किसान संकट से जूझ रहे हैं क्योंकि नासिक में एशिया की सबसे बड़ी थोक प्याज मंडी 2 रुपये से 4 रुपये प्रति किलो रह गई है.

डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र (Maharashtra) में इन दिनों प्याज की कीमतों को लेकर काफी विवाद चल रहा है. कुछ दिन पहले सोलापुर का एक किसान 512 किलो प्याज लेकर 70 किलोमीटर दूर एपीएमसी मंडी पहुंचा था. लेकिन वह मात्र 1 रुपये प्रति किलो बिकी. जिसमें किसान की लागत भी नहीं निकल पाई. प्याज की इस गिरती कीमत की वजह से किसान रो रहे हैं. नासिक जिले में एक किसान ने कृषक समुदाय की दुर्दशा को उजागर करने और सरकार की नीतियों के विरोध में फसल का अलाव (होलिका) जलाकर अपना विरोध जताया.

होलिका उत्सव के दिन विरोध प्रदर्शन किया गया था, जो महाराष्ट्र में अलाव जलाने का दिन होता है. प्याज की खेती करने वाले किसान संकट से जूझ रहे हैं क्योंकि नासिक में एशिया की सबसे बड़ी थोक प्याज मंडी लासलगांव में कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) में प्याज कीमतों में भारी गिरावट आई है. प्याज की कीमत घटकर 2 रुपये से 4 रुपये प्रति किलो रह गई है, जिससे उत्पादक नाराज हो गए हैं और उन्होंने पिछले सप्ताह एपीएमसी में नीलामी को एक दिन के लिए रोक दिया था.

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डेढ़ एकड़ जमीन पर लगी प्याज की फसल को जलाने वाले येओला तालुका के मथुलथन गांव के किसान कृष्णा डोंगरे ने आंदोलन की घोषणा करते हुए एक निमंत्रण पत्र छपवाया था जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. उन्होंने इस समस्या के लिए सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, "केंद्र और राज्य सरकारों ने किसानों को उनके भाग्य पर छोड़ दिया है. अपने सत्ता संघर्ष में वे इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं कि किसान जिंदा हैं या मर रहे हैं. यह न केवल महाराष्ट्र के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक काला दिन है क्योंकि एक किसान को प्याज का अलाव (होलिका) जलाने को बाध्य होना पड़ा." 

नाराज किसानों ने केंद्रीय मंत्री का किया घेराव
धरने में आसपास के गांवों के किसान मौजूद थे. प्याज की कीमतों में गिरावट ने नासिक जिले के साथ-साथ राज्य के बाकी हिस्सों में भी किसानों को नाराज कर दिया है और वे आंदोलन कर रहे हैं. महाराष्ट्र राज्य कांदा उत्पादक संगठन (एमआरकेयूएस) ने 27 फरवरी को लासलगांव एपीएमसी में प्याज की नीलामी रोक दी थी. इसी तरह के आंदोलन चंदवाड़ और जिले के अन्य हिस्सों और पूरे राज्य में पिछले सप्ताह किए गए थे. नासिक जिले के निफाड़ तालुका के शिरसगांव में रविवार को नाराज किसानों ने केंद्रीय मंत्री भारती पवार का घेराव किया. 

गौरतलब है कि फरवरी में सोलापुर जिले के एक किसान को उस समय गहरा धक्का लगा जब उसे पता चला कि उसने जिले के एक व्यापारी को अपने 512 किलो प्याज की बिक्री पर महज 2.49 रुपये का मुनाफा कमाया है. किसान ने कहा था कि उसकी प्याज की उपज सोलापुर मार्केट यार्ड में एक रुपये प्रति किलो की कीमत पर बिकी और सभी कटौतियों के बाद उसे शुद्ध लाभ के रूप में यह नगण्य राशि प्राप्त हुई. (भाषा इनपुट के साथ)

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