Kisan Andolan Live Updates: किसानों का मार्च शुरू होने से पहले ही शंभू बॉर्डर पर चलने लगे आंसू गैस के गोले

Written By नीलेश मिश्र | Updated: Feb 21, 2024, 04:43 PM IST

Farmers Protest

Kisan Andolan Live Updates: किसानों का आंदोलन 13 फरवरी को शुरू हुआ था और तब से ही हजारों किसान शंभू बॉर्डर पर जुटे हुए हैं.

हजारों किसान हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर जुटे हुए हैं. केंद्र सरकार से कई दौर की बातचीत के बावजूद सहमति न बन पाने पर ये किसान आज दिल्ली की ओर कूच करने वाले हैं. शंभू बॉर्डर पर आधा दर्जन से ज्यादा लेयर वाली बैरिकेडिंग की गई है. इनमें सीमेंट की बैरिकेडिंग, कटीले तार, मिट्टी से भरे हुए कंटेनर और अन्य इंतजाम शामिल हैं. अब किसानों ने इन्हें हटाने के लिए पोकलैंड मशीनें मंगा ली हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया है कि शंभू बॉर्डर पर लगभग 14 हजार से ज्यादा लोग मौजूद हैं. गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से कहा है कि वह इन लोगों को हटाने के लिए कार्रवाई करे. 


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यहां पढ़ें किसान आंदोलन के लाइव अपडेट:-

- अखिलेश यादव ने कहा कि किसान आंदोलन कर रहे हैं, एमएसपी पर कानून की मांग कर रहे हैं. लेकिन बीजेपी के लोग भारत रत्न का विज्ञापन कर रहे थे. कम से कम अब डॉ. एमएस स्वामीनाथन और चौधरी चरण को भारत रत्न देने के बाद सिंह, उन्हें (केंद्र को) किसानों की समस्याओं को खत्म करने के लिए निर्णय लेने की जरूरत है.'

किसान आंदोलन के बारे में दिल्ली विधानसभा में बोले केजरीवाल, "किसान हमारे अन्नदाता हैं, किसान सबसे ज्यादा मेहनत करता है. किसान दिन-रात सर्दी, गर्मी, बरसात में पसीना बहाता है और हमारे लिए अन्न उगाता है. किसान गरीब है, अमीर तो नहीं है. ऐसा तो नहीं है कि कि बड़े-बड़े बंगले बनाकर बैठे हैं, जैसे इन नेताओं ने बड़े-बड़े बंगले बना रखे हैं. किसान की बात क्यों नहीं मानते हो? क्या किसान की मांग नाजायज है. किसान की मांग है कि मेरी फसल का मुझे पूरा दाम मिलना चाहिए. किसान की बात क्यों नहीं मानते हैं. आखिर किसान को यह सब क्यों करना पड़ रहा है?" 

- सरकार ने बातचीत का प्रस्ताव रखा है. इसके बाद किसान शंभू बॉर्डर पर ही रुक गए हैं और आपस में चर्चा कर रहे हैं. फिलहाल किसान आगे बढ़ने की कोशिश नहीं कर रहे हैं.

अंबाला पुलिस ने बयान जारी करके कहा है, "पुलिस पर हमला करने के लिए युवाओं को लाठियों, पत्थरों, फेस मास्क और लोहे की ढालों से लैस किया जा रहा है, जिससे भारी पथराव की संभावना है." अंबाला पुलिस के मुताबिक, शंभू बॉर्डर पर 1200 ट्रैक्टरों के साथ 10 हजार लोगों की भीड़ है जिसमें पुलिस के बैरिकेड पर हमला करने के लिए मजबूत पोकलेन मशीनों और जेसीबी की भी व्यवस्था की गई है.

हरियाणा पुलिस ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा है, "पोकलेन, जेसीबी के मालिकों और ऑपरेटर के लिए: कृपया अपने उपकरण प्रदर्शनकारियों को उपलब्ध न कराएं और उन्हें प्रदर्शन स्थल से हटाएं क्योंकि उनका सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. यह एक गैर-जमानती अपराध है और आपको आपराधिक रूप से जवाबदेह ठहराया जा सकता है." 

केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है, "सरकार चौथे दौर के बाद पांचवें दौर में सभी मुद्दे जैसे कि MSP की मांग,  फसल विविधता, पराली का विषय, FIR पर बातचीत के लिए तैयार है. मैं दोबारा किसान नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूं. हमें शांति बनाए रखना जरूरी है."

-शंभू बॉर्डर पर हरियाणा की ओर से आंसू गैस के गोले गिराए जा रहे हैं.

किसानों से मिलने शंभू बॉर्डर पहुंचे पंजाब सरकार के अधिकारी. 

-मार्च से ठीक पहले किसान नेता सर्वन सिंह पंढेर ने कहा है, "हमने तय किया है कि किसान और युवा आगे नहीं बढ़ेंगे. नेता ही आगे जाएंगे. हम शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ेंगे. यह सब सरकार खत्म करती है, MSP पर कानून बनाकर."

-दिल्ली की ओर कूच से पहले शंभू बॉर्डर पर किसानों को मास्क, ग्लव्स और सुरक्षा के अन्य उपकरण बांटे जा रहे हैं. ये मास्क आंसू गैस से बचने में मदद करते हैं. 

-दिल्ली कूच से पहले जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, "हमारा मकसद उपद्रव करना नहीं है. हमने 7 नवंबर से ही एक कार्यक्रम तय किया था कि हमें दिल्ली पहुंचना है. अगर सरकार कहती है कि उसे पर्याप्त समय नहीं मिलता तो इसका मतलब है कि वे हमें नजरअंदाज करने की कोशिश कर रहे हैं. यह ठीक नहीं है कि इस तरह से बड़े-बड़े बैरिकेड लगाकर हमें रोका जा रहा है. हम शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जाना चाहते हैं. सरकार को इन बैरिकेड्स को हटाकर हमें जाने देना चाहिए. या फिर वे हमारी मांगें पूरी करें, हम शांतिपूर्ण हैं. अगर वह एक हाथ बढ़ाएंगे तो हम भी सहयोग करेंगे. हम यह स्थिति शांतिपूर्वक और धैर्य से संभालनी है. मैं युवाओं से निवेदन करता हूं कि वे नियंत्रण न खोएं."

-किसानों से बातचीत के बारे में कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है, "हम उनके लिए अच्छा करना चाहते हैं, इसके लिए कई तरह की राय दी जा सकते हैं. हम अच्छी राय का हमेशा स्वागत करते है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि बातचीत होती रहे. बातचीत के जरिए ही समाधान निकाला जा सकता है."

-मंगलवार को दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे किसानों को हरियाणा के गुरुग्राम में हिरासत में ले लिया गया.

पंजाब के डीजीपी ने आदेश दिए हैं कि खनौरी और शंभू बॉर्डर की ओर जा रही जेसीबी, पोकलैंड, टिपर्स, हाइड्रा और अन्य मशीनों को रोका जाए.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार को भेजे पत्र में कहा कि पिछले कुछ दिनों से राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति चिंता का विषय है. गृह मंत्रालय ने कहा कि किसानों की आड़ में कई उपद्रवी पंजाब की हरियाणा से लगी शंभू सीमा के पास भारी मशीनरी जुटा रहे हैं और पथराव कर रहे हैं. मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 14,000 लोगों को राजपुरा-अंबाला रोड पर शंभू बैरियर पर एकत्र होने दिया गया और उनके साथ लगभग 1,200 ट्रैक्टर-ट्रॉली, 300 कार,10 मिनी बस और अन्य छोटे वाहन भी हैं.

हजारों किसान करेंगे दिल्ली कूच
MHA ने दावा किया कि इसी तरह, पंजाब ने ढाबी-गुजरां बैरियर पर करीब 500 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ लगभग 4,500 लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति दी है. उसने कहा कि इसके मद्देनजर, किसानों के विरोध की आड़ में विघटनकारी गतिविधियां कर रहे सभी लोगों पर अंकुश लगाने के लिए तत्काल समीक्षा किए जाने और कड़ी कार्रवाई किए जाने का अनुरोध किया जाता है.

गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि रिपोर्टों के अनुसार, अदालत ने पंजाब सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में इकट्ठा न हों और उसने खासकर राजमार्गों पर ट्रैक्टर-ट्रॉली, जेसीबी और अन्य भारी उपकरणों के इस्तेमाल पर गंभीर आपत्ति जताई है.


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फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी को लेकर केंद्र के साथ चार दौर की वार्ता विफल होने के बाद, प्रदर्शनकारी किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर दो स्थानों से बुधवार को फिर से अपना मार्च शुरू करने के लिए तैयार हैं. किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत में तीन केंद्रीय मंत्रियों की समिति ने रविवार को प्रस्ताव दिया था कि किसानों के साथ समझौता करने के बाद सरकारी एजेंसियां पांच साल तक दालें, मक्का और कपास एमएसपी पर खरीदेंगी लेकिन किसान नेताओं ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया.

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