उत्तर प्रदेश के कई गांवों के किसानों ने दिल्ली कूच कर रहे हैं. इसकी वजह से नोएडा में महाजाम लग गया है. आमल में यह हो गया कि 5 मिनट का रास्ता 3 घंटे में पूरा हो रहा है. पुलिस ने किसानों को महामाया फ्लाईओवर पर रोक दिया है. जिसके बाद किसान वहीं बैठकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती है हम आंदोलन खत्म नहीं करेंगे. किसान संसद तक मार्च करने की जिद पर अड़े हुए हैं.
किसानों के आंदोलन के चलते नोएडा से ग्रेटर नोएडा हाईवे पर कई किलोमीटर का लंबा जाम लगा हुआ है. चिल्ला बॉर्डर पर भी दिल्ली पुलिस और नोएडा पुलिस की फोर्स तैनात है. एतिहात के तौर दिल्ली बॉर्डर्स पर बैरिकेडिंग कर दी गई है और वहां से निकलने वाले हर वाहन को चेक किया जा रहा है.
क्या है किसानों की मांगें?
- नोएडा-ग्रेटर नोएडा के 149 गावों के किसान दिसंबर 2023 से नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की तरफ से अधिग्रहीत की गई जमीनों के बदले बढ़ा हुआ मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं.
- किसानों की मांग है कि उनकी अधिकृत जमीन का 10 प्रतिशत प्लॉट, आबादी का पूर्ण निस्तारण और रोजगार दिया जाए.
7 फरवरी को बुलाई गई थी महापंचायत
किसानों ने राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन पर दबाव बढ़ाने के लिए 7 फरवरी को किसान महापंचायत बुलाई थी. जिसमें किसानों ने 8 फरवीर को दिल्ली ससंद भवन तक विरोध मार्च निकालने का ऐलान किया. किसानों का आरोप है कि NTPC ने कम रेट पर मुआवजा दिया है. साथ ही नौकरी देने का जो वादा किया गया था वो भी पूरा नहीं किया गया.
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नोएडा में प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व भारतीय किसान परिषद कर रही है, जिसके कार्यकर्ताओं ने दिसंबर 2023 से स्थानीय प्राधिकरण कार्यालय के बाहर शिविर लगा रखा था.
किसानों के दिल्ली मार्च की घोषणा के बाद नोएडा पुलिस दिल्ली से जुड़ी विभिन्न सीमाओं पर सख्ती से जांच कर रही है. जिसकी वजह से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और डीएनडी सहित विभिन्न मार्गों पर भारी जाम लग गया है.
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