डीएनए हिंदी: हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पीपली में जारी किसानों का धरना समाप्त हो गया है. सूरजमुखी की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदने की मांग मान लिए जाने पर किसानों का धरना खत्म कर दिया गया. ये किसान नेशनल हाइवे पर बैठे हुए थे और अपनी मांग पूरी करवाने के लिए हाइवे को जाम कर दिया था. अब किसानों ने कहा है कि हाइवे से नाकाबंदी हटा ली जाएगी. कुरुक्षेत्र के डिप्टी कमिश्नर शांतनु शर्मा ने कहा कि किसानों को फसल का उचित मूल्य देने का आश्वासन दिया गया है.
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि शाम को जिला प्रशासन के साथ नए सिरे से बातचीत के बाद, किसानों ने कुरुक्षेत्र के पीपली में विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया और राष्ट्रीय राजमार्ग से नाकाबंदी हटा ली जाएगी. सूरजमुखी के बीज के लिए एमएसपी की किसानों की मांग को लेकर हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पीपली में राष्ट्रीय राजमार्ग मंगलवार को लगातार दूसरे दिन भी बंद रहा. सोमवार को और मंगलवार को दिन में किसानों और जिला प्रशासन के बीच वार्ता में कोई प्रगति नहीं हुई लेकिन शाम को इसमें सफलता मिली. इससे पहले टिकैत ने राज्य सरकार से मांग स्वीकार करने या किसानों को जेल भेजने के लिए कहा था.
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किसानों ने बंद कर दिया था नेशनल हाइवे-44
प्रदर्शनकारी किसानों ने इस मुद्दे पर एक महापंचायत आयोजित करने के बाद सोमवार दोपहर से पीपली के पास नेशनल हाइवे-44 को बंद कर दिया था. यह हाइवे दिल्ली को चंडीगढ़ और कुछ अन्य रास्तों से जोड़ता है. किसान मांग कर रहे थे कि राज्य सरकार सूरजमुखी को 6,400 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे. भावांतर भरपाई योजना के तहत राज्य सरकार एमएसपी से नीचे बेची जाने वाली सूरजमुखी की फसल के लिए अंतरिम समर्थन के रूप में 1,000 रुपये प्रति क्विंटल दे रही है.
उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शाहाबाद में सूरजमुखी के लिए 20,000 मीट्रिक टन प्रसंस्करण के लिए एक इकाई स्थापित करने का वादा किया था और इसे जल्द ही पूरा किया जाएगा. पत्रकारों से बात करते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार के साथ बातचीत कर रही किसानों की एक स्थानीय समिति शाम को एक समझौते पर पहुंची, जिसके अनुसार सरकार उनकी एमएसपी की मांग पर सहमत हो गई और हाल में शाहाबाद विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किसानों को रिहा करने पर भी सहमत हो गई.
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उन्होंने कहा, 'यहां हमारा आंदोलन यह था कि एमएसपी पर खरीद होनी चाहिए। हमने केंद्र द्वारा तय की गई दर की मांग की थी. हर राज्य में एमएसपी की दर देनी होगी. एमएसपी की कानूनी गारंटी को लेकर देश में बड़े आंदोलन की जरूरत होगी. शुरुआत यहां से हुई है. उन्होंने कहा कि यहां विरोध समाप्त हो गया है और सड़क से प्रदर्शनकारी हट गए हैं.
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