दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर बैठे किसानों का धरना खत्म हो गया है. लगभग 6 घंटे के बाद किसान नोएडा एक्सप्रेस-वे से हट गए हैं. किसानों को हाईलेवल कमेटी के गठन का आश्वासन दिया गया है, जिसे उन्होंने मान लिया है. कमेटी 8 दिन में किसानों की मांग का निस्तारण करेगी. इस विरोध प्रदर्शन के चलते नोएडा में महाजाम लग गया था. जिसकी वजह से लोग दिनभर सड़कों पर परेशान रहे. 5 मिनट का सफर लोगों ने ढाई-तीन घंटे में पूरा किया.
नोएडा के डीसीपी विद्या सागर मिश्रा ने कहा कि हमने किसान संगठनों के नेताओं से बात की है. एक हाईलेवल कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया गया था. इस पर किसान नेता सहमत हो गए हैं. किसान एक्सप्रेस-वे को खाली कर रहे हैं. हम यातायात व्यवस्था को फिर से सामान्य करने में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है.
हालांकि, यह विरोध प्रदर्शन दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर भी खत्म किया गया है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों, दादरी एनटीपीसी पर किसानों का धरना अभी भी जारी रहेगा. किसानों की मांगों को निपटाने के लिए नोएडा कमिश्नर की निगरानी में एक कमेटी बनाई जाएगी. जो प्राधिकरण के अफसरों बात करेगी. इस बातचीत में शासन स्तर के मंत्री भी शामिल होंगे. किसान रात 8 बजे कमिश्नर से मुलाकात करेंगे.
6 घंटे तक रहा महाजाम
किसानों के प्रदर्शन के चलते दिल्ली-बॉर्डर पर करीब 6 घंटे तक लोग जाम में फंसे रहे. राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की कोशिश कर रहे किसानों को रोकने के लिए मयूर विहार के करीब दिल्ली-नोएडा सीमा पर आवाजाही को रोकने के लिए भारी उपकरणों के साथ पुलिसकर्मी अलर्ट पर रहे. बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया. किसानों के वहां पहुंचने पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए बड़े बुलडोजर, भारी मशीनें, विक्रांत माल ढुलाई वाहन, दंगा नियंत्रण वाहन और पानी की बौछार करने वाले वाहनों को रणनीतिक रूप से तैनात किया गया था.
अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने लगभग 150 किसानों को नोएडा में महामाया फ्लाईओवर के पास रोक दिया था. उन्होंने बताया कि वैकल्पिक यातायात प्रबंध किए गए और लोगों को कुछ मार्गों पर यात्रा करने से बचने की सलाह दी गई. दिल्ली बॉर्डर पर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई. बता दें कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में किसान संगठन दिसंबर 2023 से स्थानीय विकास प्राधिकरणों द्वारा अधिग्रहीत अपनी भूमि के बदले बढ़े हुए मुआवजे और विकसित भूखंडों की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
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