Farmers Protest: लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले दागे, हरियाणा में किसानों और पुलिस के बीच टकराव

Written By रईश खान | Updated: Feb 23, 2024, 08:05 PM IST

Farmers Protest 

Farmers Protest: हिसार के खेड़ी चौपटा पर किसानों ने खनौरी बॉर्डर जाने का आह्वान किया था. लेकिन पुलिस ने उससे पहले ही लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागकर किसानों को तितर-बितर कर दिया.

हरियाणा में किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई है. किसान खनौरी बॉर्डर (Khanauri Border) पर पंजाब के किसानों के पास जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने हिसार के खेड़ी चौपटा पर ही रोक लिया. पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया. इस झड़प में 16 किसान और 20 से ज्यादा पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर है. इस बीच पुलिस ने कुछ किसान नेताओं को हिरासत में लिया है.

जानकारी के मुताबिक, हजारों की तादाद में हरियाणा के किसान शुक्रवार को खेड़ी चौपटा बॉर्डर पर इकट्ठा हुए थे.  किसान यूनियन और खाफ पंचायतों ने किसानों को आदोंलन पर चर्चा करने और खनौरी बॉर्डर पर जाने के लिए बुलाया था. लेकिन इस बीच पुलिस और किसानों के बीच तनाव बढ़ गया. पुलिस ने किसानों की उमड़ी भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज कर दिया और आंसू गैस के गोले दागे.

'किसानों को अगवा कर ले गई पुलिस'
किसानों का कहना है कि पुलिसवालों ने उनके ट्रैक्टरों की हवा भी निकाल दी और उनके वाहनों के साथ तोड़फोड़ की. भारतीय किसान यूनियन (नौजवान) के अध्यक्ष अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि खेड़ी चौपटा पर किसान शांति से अपील कर रहे थे. लेकिन कुछ पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में आए और किसानों को उकसाना शुरू कर दिया. उन्होंने किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे. इस दौरान हमारे कई किसान नेताओं को अगवा कर पुलिस ले गई.

किसानों पर नहीं लगेगा Rasuka
हरियाणा पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि वह किसान आंदोलन का हिस्सा रहे कुछ किसान नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (Rasuka) के प्रावधानों को लागू करने के अपने फैसले को वापस ले रही है. इससे एक दिन पहले अंबाला पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा था कि वह कानून व्यवस्था बनाए रखने और आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 की धारा 2(3) के तहत प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के पदाधिकारियों को हिरासत में लेने की प्रक्रिया शुरू कर रही है.

हालांकि, शुक्रवार को पुलिस महानिरीक्षक (अंबाला रेंज) सिबाश कबीराज ने कहा, 'स्पष्ट किया जाता है कि अंबाला जिले के कुछ किसान यूनियन नेताओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के मामले पर पुनर्विचार किया गया है और यह निर्णय लिया गया है कि इसे लागू नहीं किया जाएगा. उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों और उनके नेताओं से शांति तथा कानून-व्यवस्था बनाए रखने में अधिकारियों के साथ सहयोग करने की भी अपील की.

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