डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने एक बार फिर आतंकवाद और कश्मीर पर पाकिस्तान से बातचीत करने की वकालत की है. उन्होंने यह भी कहा है कि कश्मीर का मुद्दा तब तक हल नहीं होगा जब तक कि पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं की जाएगी. उन्होंने मंगलवार को कहा कि कश्मीर समस्या तब तक खत्म नहीं होगी, जब तक हम अपने पड़ोसी से बात नहीं करेंगे. हमें दशकों से चली आ रही इस समस्या का वास्तविक समाधान नहीं ढूंढना होगा.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'भारत एक अनोखा देश है और यह इसलिए है, क्योंकि हम सब मिलकर सोचते हैं. हमें गांधी के सपनों के भारत में लौटना होगा. अगर देश को प्रगति करनी है तो विभाजन को समाप्त करना होगा. जब तक हम एकजुट नहीं होंगे, देश कभी मजबूत नहीं बनेगा.'
...कभी नहीं खत्म होगा कश्मीर मुद्दा और आतंकवाद
फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, 'कश्मीर की समस्या खत्म नहीं होगी. और मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि आतंकवाद तब तक बना रहेगा, जब तक हम अपने पड़ोसी से बात नहीं करते और इस समस्या का वास्तविक समाधान नहीं निकालते.'
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क्यों हमेशा पाकिस्तान से बातचीत की वकालत करते हैं फारूक अब्दुल्ला?
फारूक अब्दुल्ला पाकिस्तान के साथ भारत की बातचीत के पक्षधर रहे हैं. वह कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा बताते हैं और हमेशा से ही बातचीत के जरिए हल निकालने की वकालत करते रहे हैं. वह कश्मीर गतिरोध को भारत की राह का रोड़ा भी मानते हैं.
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'बिना एकता के नहीं होगी भारत की तरक्की'
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब तक हम एकजुट नहीं होंगे, तब तक भारत तरक्की नहीं कर पाएगा और मजबूत नहीं बन पाएगा. दिल्ली में रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत की किताब 'अ लाइफ इन द शैडोज़ : अ मेमॉयर' के विमोचन में फारूक अब्दुल्ला ने ये बातें कही हैं. एएस दुलत साल 2000 में रिटायर हुए थे.
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