'पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहन रखीं, हम पर भी गिरेगा परमाणु बम', ये क्या बोल गए फारूख अब्दुल्ला

Written By रईश खान | Updated: May 06, 2024, 04:44 PM IST

farooq abdullah

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर राजनाथ सिंह के बयान को लेकर फारूक अब्दुल्ला ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. साथ ही भारतीय वायु सेना के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की.

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) का भारत में विलय को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता फारूक अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया दी है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान भी चुपचाप बैठकर नहीं देखेगा. उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश के पास भी परमाणु बम हैं, जो हम पर गिरेंगे.'

राजनाथ सिंह ने रविवार को पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा था कि भारत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर अपना दावा नहीं छोड़ेगा. हालांकि, वह इसे पाने के लिए पड़ोसी देश पर बल का प्रयोग नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि कश्मीर में विकास देखने के बाद पीओके के लोग खुद ही भारत का हिस्सा बनना चाहेंगे.

'पाकिस्तान ने भी चूड़ियां नहीं पहन रखीं'
फारूक अब्दुल्ला ने श्रीनगर में कहा, 'अगर रक्षा मंत्री ऐसा कह रहे हैं, तो क्या कह सकते हैं. हम कौन होते हैं रोकने वाले? लेकिन याद रखें, उन्होंने पाकिस्तान ने भी चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं. उसके पास परमाणु बम हैं और दुर्भाग्य से वह परमाणु बम हम पर गिरेगा.

'जम्मू-कश्मीर में अभी आतंकवाद खत्म नहीं हुआ'
भारतीय वायु सेना के एक काफिले पर हुए आतंकवादी हमले को लेकर फारूक अब्दुल्ला ने निंदा की. उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में आतंक का खतरा अभी भी बरकरार है. भाजपा सरकार के उस दावे की पोल खुल चुकी है कि अनुच्छेद 370 आतंकवाद के लिए जिम्मेदार था. उन्होंने अपना रुख दोहराया कि केवल भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत ही क्षेत्र में आतंकवाद के खतरे को समाप्त कर सकती है.


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पुंछ जिले के सुरनकोट इलाके में  शनिवार शाम हुए हमले में वायुसेना के पांच कर्मी घायल हो गए थे. उनमें से एक ने बाद में एक सैन्य अस्पताल में दम तोड़ दिया. अब्दुल्ला ने दावा किया, ‘यह क्षेत्र कई महीनों से अशांत है. राजौरी, सुरनकोट और अन्य निकटवर्ती इलाकों में घटनाएं हुई हैं. उन्होंने कहा कि जहां तक आतंकवाद का सवाल है, भाजपा सरकार दावा करती है कि इसके लिए अनुच्छेद 370 जिम्मेदार था, लेकिन पांच अगस्त, 2019 को इसके निरस्त होने के बाद भी आतंकवाद अभी भी बरकरार है.

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