FasTag Recharge करते समय न करें ऐसी गलती, मुंबई की महिला गंवा चुकी है लाखों रुपये

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 19, 2022, 12:08 PM IST

फास्टैग रिचार्ज करते समय बरतें सावधानी!

Fastag Recharge करते समय आम आदमी को सावधानी बरतनी चाहिए. मुंबई में एक महिला को ऑनलाइन फास्टैग रिचार्ज करना बहुत भारी पड़ गया है. महिला को फास्टैग रिचार्ज करते समय ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों की वजह से लाखों रुपये गंवाने पड़ गए हैं.

डीएनए हिंदी: Fastag आज हर चार पहिया चालक की जरूरत बन गया है. इसे समय-समय पर रिचार्ज भी करना पड़ता है. फास्टैग को रिचार्ज करते समय हमें कई सावधानियां भी बरतनी चाहिए नहीं तो ऑनलाइन ट्रांसजेक्शन करते समय चूना लगने की भी संभावना रहती है. दरअसल हम ऐसा यूं ही नहीं कह रहे हैं, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से एक ऐसा मामला सामने आया है. मुंबई के एक 34 साल की महिला बैंकर ऑनलाइन फास्टैग रिचार्ज करते समय धोखाधड़ी का शिकार हुई है. महिला बैंकर के बैंक अकाउंट से ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों ने करीब 7 लाख रुपये की राशि गायब कर दी है. महिला ने इस मामले की शिकायत मुंबई पुलिस से की है.

दरअसल महिला को उसके भाई ने बताया था कि उनके फॉस्टैग में धनराशि खत्म हो रही है. इसलिए फॉस्टैग रिचार्ज (Fastag Recharge) करना है. इसके बाद पीड़िता इंटरनेट पर यह जानने के लिए गई कि वह अपने वाहन के फास्टैग को ऑनलाइन कैसे रिचार्ज (How to recharge Fastag) कर सकती है. गूगल सर्च (Google Search) करने पर उसे एक कस्टमर केयर नंबर मिला. इस बात से अनजान कि वह एक फ्रॉड का शिकार हो रही है, महिला ने नंबर पर कॉल किया और उसे दूसरी तरह से  व्यक्ति द्वारा उसके कार्ड को रिचार्ज करने में मदद की पेशकश की गई.

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dnaindia.com मे छपी रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद जालसाज ने महिला के फोन पर क्लिक करने और रिचार्ज के साथ आगे बढ़ने के लिए एक लिंक भेजा. लिंक पर क्लिक करने पर पीड़िता ने पाया कि उसके फोन पर 'ग्राहक सहायता' नामक एक ऐप अपने आप डाउनलोड हो गया था. इसके बाद फेक कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव ने महिला से अपने बैंक का मोबाइल ऐप खोलने और मोबाइल बैंकिंग में लॉग इन करने के लिए कहा. ऐसा करने पर महिला को एक मैसेज मिला जिसमें कहा गया था कि FasTag रिचार्ज सफल रहा.

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हालांक, बाद में पीड़िता ने देखा कि उसके बैंक खाते में कई लेन-देन हो रहे हैं. देखते ही देखते उसके बैंक खाते से करीब 6.99 लाख रुपये डेबिट हो गए. इस दौरान उसके मोबाइल बैंकिंग पर चार अलग-अलग भुगतानकर्ता विवरण भी जोड़े गए थे. धोखाधड़ी का पता चलने पर महिला मुंबई शहर के उत्तर क्षेत्र साइबर पुलिस स्टेशन पहुंची जहां पुलिस ने संबंधित बैंक की मदद से 2.45 लाख रुपये के लेनदेन को रोकने में कामयाबी हासिल की. हालांकि, उसके साथ अभी भी उसके 4.54 लाख रुपये का घोटाला हुआ है.

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