Lok Sabha Elections 2024: जानिए दो फेज के वोटिंग टर्नआउट, क्या है तीसरे फेज का सियासी गणित?

Written By आदित्य प्रकाश | Updated: May 01, 2024, 07:43 AM IST

Election Voting

मंगलवार यानी कल साझा किए गए डेटा के मुताबिक पहले फेज में 66.14% और दूसरे फेज में 66.71% वोटिंग हुई थी.

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) को लेकर दो फेज के मतदान हो चुके हैं. 7 मई को तीसरे फेज की वोटिंग होगी. कुल मिलाकर के चुनाव 7 फेज में संपन्न होगी. पहले फेज को लेकर 19 अप्रैल को मतदान हुए थे. वहीं दूसरे फेज को लेकर 26 अप्रैल को मतदान हुए थे. दोनों फेज के मतदान के बाद नेताओं के बीच सियासी घमासान छिड़ी हुई है. सभी वोटिंग के ट्रेंड को अपने पक्ष में बताने में लगे हुए हैं. साथ ही विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग द्वारा वोटिंग प्रतिशत को देर से जारी करने को लेकर सवाल उठा रहे हैं.


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दोनों फेज के मतदान प्रतिशत
30 अप्रैल यानी मंगलवार की शाम को चुनाव आयोग ने मतदान प्रतिशत को लेकर डेटा साझा किया है. इसको लेकर विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाया कि आमतौर पर मतदान प्रतिशत का डेटा एक दिन के अंदर ही साझा कर दिया जाता है, वहीं इसबार इस डेटा साझा करने में इतना समय क्यों लग गया?  मंगलवार यानी कल साझा किए गए डेटा के मुताबिक पहले फेज में 66.14% और दूसरे फेज में 66.71% वोटिंग हुई थी. दो फेज के मतदान से जुड़ी बातें पता होने के बाद जरूरी है कि अब तीसरे फेज के सियासी गणित को समझा जाए.

क्या है तीसरे फेज का सियासी गणित
तीसरे फेज की ज्यादातर सीटें लंबे वक्त से बीजेपी के कब्जे में रही हैं. इन सीटों पर अपना वर्चस्व कायम करना विपक्ष के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी. गुजरात की बात की जाए तो पिछले लोकसभा चुनाव में यहां की सभी 26 सीटों पर बीजेपी की जीत हुई थी. साथ ही एमपी की 8, बिहार की 5, छत्तीसगढ़ की 7 में 6 सीटों पर बीजेपी ने अपना झंडा फहराया था. हालांकि कुछ राज्यों की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों ने जरूर विपक्ष की ताकत मोजबूत की है. इनमें महाराष्ट्र और कर्नाटक शामिल हैं. महाराष्ट्र में इस बार बीजेपी के साथ गठबंधन के घटक दल बदल चुके हैं. वहीं कार्नाटक में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हो चुकी है. महाराष्ट्र में इस फेज की 11 सीटों पर बढ़त कायम करना बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है. साथ ही पार्टी कर्नाटक की 14 सीटों पर अपना जलवा बरकरार रखने के लिए संघर्षरत है. वहीं, कांग्रेस की तरफ से पूरी कोशिश की जा रही है कि राज्य की लोकसभा सीटों पर विधानसभा चुनाव वाले परिणाम दोहराए जाएं. इस फेज में यूपी से10 सीटें आती हैं, पिछली बार इनमें से 8 सिटें बीजेपी को मिली थी, वहीं, संभल और मैनपुरी की सीटें सपा के खाते में गई थीं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा इस बार पक्ष और विपक्ष किसके खाते में कितनी सिटें प्रप्ता होती हैं.

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