Gambia cough syrup deaths: जिस कंपनी के कफ सीरप से हुई बच्चों की मौत, भारत में खराब रहा है उसका ट्रैक रिकॉर्ड

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 14, 2022, 01:10 PM IST

बिहार सरकार ने कफ सीरप बनाने वाली दवा कंपनी को साल 2011 में बैन कर दिया था. इसके अलावा वियतनाम ने भी इस कंपनी को बैन किया है.

डीएनए हिंदी: Gambia Cough Syrup Deaths: डीजीसीआई (DGCI) ने भारतीयों को आश्वस्त किया है कि गाम्बिया में कफ सीरप से 65 बच्चों की जान लेने वाला सीरप भारत में नहीं बेचा जा रहा है.  वहीं सामने आया है कि इस कफ सीरप को बनाने वाली कंपनी मेडेन फार्मास्यूटिकल्स हैं. यह घटिया दवाओं का उत्पादन करने के चलते साल 2011 में बिहार सरकार द्वारा बैन भी की जा चुकी है. इसके अलावा अन्य कई राज्यों में भी इसी दवा के कारण बच्चों की जान गई है. 

डायथिलीन ग्लाकॉल  की कफ सीरफ में ज्यादा मात्रा से ही गाम्बिया में बच्चों की मौत हुई है. जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में भी इसकी इन्ग्रीडियंट की वजह से ही बच्चों की मौत हुई थी. दवा बनाने वाली कंपनी मेसर्स डिजिटल विजन ने इसका इस्तेमाल असंतुलित तौर पर किया था. इस डायथिलीन ग्लाकॉल पर  सीडीएससीओ कुछ भी नहीं बोल रहा है.

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वियतनाम ने भी किया है बैन

मेडेन फार्मास्युटिकल्स गुणवत्ता के तहत वियतनाम द्वारा ब्लैकलिस्ट की गई 39 भारतीय दवा कंपनियों एक थी. 2015 में इसका उत्पाद गुजरात में घटिया पाया गया और 2017 में केरल में कंपनी पर जुर्माना लगाया गया. हालांकि इसने राज्य में दवाओं की आपूर्ति जारी रखी है. 

देश में हुई कई बच्चों की मौत

इसके असर की बात करें तो साल 2020 में जम्मू में मरने वाले 12 बच्चों के अलावा, 1998 में दिल्ली में 33 मौतें, 1986 में मुंबई में 14 मौतें और 1973 में चेन्नई में 14 मौतें हुईं थी. इन मौतों की वजह डीईजी ही है. इसका उपयोग कुछ दवाओं में विलायक के रूप में किया जाता है,लेकिन अनुमेय स्तर बहुत कम है लेकिन कंपनी इसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल कर रही है जिसके चलते बच्चों की मौतें तक हो रही हैं.

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कड़े कानूनों का नहीं असर? 

ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 के अनुसार मौत का कारण बनने वाली नकली दवाओं के निर्माण या व्यापार के लिए सजा में 10 साल से लेकर आजीवन कारावास आज तक डिजिटल विजन से किसी को दंडित नहीं किया गया है और सभी आरोपी जमानत पर बाहर हैं. मेडेन फार्मास्युटिकल्स के मामले में डिजिटल विजन भी 2014 और 2019 के बीच इस तरह की 7 गतिविधियों के मामले सामने आए थे लेकिन आज भी ये कंपनियां धडंल्ले से व्यापार कर रही है. 

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