देश में आज से लागू हो चुके नए कानून के तहत बिहार में पहला केस दर्ज हुआ है. यह केस गया जिले के रेल थाने में दर्ज किया गया है. भारतीय न्याय संहिता की धारा 313 (लुटेरों व डकैतों के गिरोह से संबंध) और 317 (5) (चोरी की चीजों को छुपाने में मदद) के तहत 2 व्यक्तियों के खिलाफ गया पुलिस ने मामला दर्ज किया है.
पुलिस ने सोमवार सुबह 11.15 बजे दर्ज किए गए इस मामले में राजेश पासवान और मोहित कुमार नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 2023 सोमवार से पूरे देश में प्रभावी हो गए. इन तीनों कानून ने ब्रिटिश कालीन कानूनों क्रमश: भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है.
नए कानूनों को लेकर बिहार पुलिस पूरी तरह तैयार
पटना स्थित पुलिस मुख्यालय में अपर महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) संजय सिंह ने कहा, ‘बिहार में में नए कानूनों को लागू और सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारी पहले से कर रखी थी. राज्य पुलिस प्रदेश में नए आपराधिक कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए टेक्नोलॉजी, क्षमता निर्माण और जागरूकता सृजन के मामले में पूरी तरह तैयार है.’
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उन्होंने कहा कि राज्य में नए कानून के तहत प्राथमिकी गया रेल थाने में दर्ज की गई है. संजय सिंह ने बताया कि नए कानून के तहत एफआईआर दर्ज करने और जांच करने के लिए 1300 थानों में पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दिलवाई गई, जिसमें संबंधित थानाध्यक्षों के द्वारा स्थानीय नागरिकों को आमंत्रित कर तीनों नए आपराधिक कानून की प्रमुख विशेषताओं की जानकारी दी गई.
नए कानून में और क्या खास?
नए कानून के तहत अब अफआईआर के 90 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल करनी होगी. चार्जशीट दाखिल होने के 60 दिनों के भीतर कोर्ट को आरोप तय करने होंगे. साथ ही 30 दिन के अंदर सुनवाई पूरी करके जजमेंट देना होगा. जजमेंट देने के 7 दिन के भीतर उसकी कॉपी मुहैया करानी होगी.
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