देश में आज, 1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो चुके हैं. अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानून आज से खत्म हो चुके हैं. भारतीय न्याय संहिता, 2023 के तहत पहली एफआईआर दिल्ली के कमला मार्केट थाने में दर्ज की गई. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज के नीचे बाधा डालने और बिक्री करने के आरोप में एक स्ट्रीट वेंडर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 285 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
क्या है पूरा मामला?
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज के नीचे अवरोध पैदा करने और बिक्री करने के आरोप में एक स्ट्रीट वेंडर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 285 के तहत मामला दर्ज किया गया है. जानकारी के अनुसार, देर रात पैट्रोलिंग के दौरान पुलिसकर्मी ने देखा एक शख्स रेलवे स्टेशन के पास बीच सड़क पर रेहड़ी लगाकर पानी, गुटखा बेच रहा था, जिस वजह से लोगों को दिक्कत हो रही थी. कई बार कहने पर वो नही माना. इसके बाद मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी ने नए कानून BNS की धारा 285 के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
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आज से लागू हुए तीन नए क्रिमिनल कानून
आज से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं. 1860 में बनी आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS), 1989 में बनी सीआरपीसी की जगह भारती नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और 1872 में बने इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) ने ली है. इन कानूनों के लागू होने से ब्रिटिश गुलामी के दौर के 150 साल पुराने कानून खत्म होंगे और भारतीय न्याय व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा.
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