डीएनए हिंदी: बिहार में शराबंदी के बाद अब भांग को लेकर भी सख्ती बरती जा रही है. राज्य में पहला ऐसा मामला सामने आया है जहां भांग बेचने वाले को जेल भेजा गया. दरभंगा की सिविल कोर्ट ने भांग बेचने के आरोप में मंगलवार को दो लोगों को 5 साल की सजा सुनाई है. इतना ही नहीं दोषियों पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. व्यवहार न्यायालय दरभंगा के उत्पाद अधिनियम के विशेष न्यायाधीश प्रथम सत्यभुषण आर्य की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.
जानकारी के मुताबिक, जस्टिस सत्यभुषण आर्य की अदालत ने तीन अलग-अलग मामलों में सुनवाई करते हुए देंवेंद्र झा और मिथिलेश झा को शराब और भांग बेचने के आरोप में सजा सुनाई है. पुलिस ने दोनों आरोपियों को बहादुर के बलभद्रपुर नवटोल से गिरफ्तार किया था. दोनों के पास से 1 किलोग्राम भांग बरामद हुई थी. कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए दोनों को दोषी माना और पांच साल की सजा सुनाई. साथ ही एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
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भांग बेचने वालों पर कसेकी नकेल
गौरतलब है कि भांग एक नशीला पदार्थ है. बिहार में शराबंदी के बाद इसकी बिक्री तेजी से बढ़ी है. युवाओं पर इसका बुरा असर पड़ रहा है. गांव-शहरों में भांग आसानी से मिल जाती है. यह पहला मामला है जब राज्य में भांग के केस में किसी को इतनी लंबी सजा सुनाई गई हो. माना जा रहा है कि कोर्ट के इस फैसले से भांग बेचने वालों पर नकेल कसेगी.
क्या NDPS एक्ट के तहत आती है भांग
जानकारों की मानें तो भांग एक पेय पदार्थ है, जो आमतौर पर गांव-शहरों में पान की दुकानों पर बेचा जाता है. यह एक निषेधात्मक पदार्थ नहीं है. उक्त पेय का उपयोग होली-शिवरात्रि त्योहार के दौरान भी किया जाता है और यह प्रतिबंधित पेय पदार्थ नहीं है और न ही एनडीपीएस एक्ट के तहत आता है.
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