घटते फूड स्टॉक के बीच अच्छी ख़बर, बढ़ी गेहूं की बुवाई, महंगाई से मिलेगी निजात!

अभिषेक सांख्यायन | Updated:Nov 20, 2022, 08:38 PM IST

गेहूं की बुवाई का दायरा इस साल बढ़ा है. किसान बड़े पैमाने पर गेहूं की खेती कर रहे हैं.

भारत अपनी जरूरतभर का गेहूं हर साल पैदा कर लेता है लेकिन देश का फूड स्टॉक घट गया था. लोग सही कीमत न मिलने से सरकारी केंद्रों पर गेहूं नहीं बेच रहे थे.

डीएनए हिंदी: कुछ हफ्तों पहले फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) ने गेहूं (Wheat) और चावल (Rice) के भंडार के मासिक आकंड़े जारी किए थे. इस साल भारत के गेहूं और चावल के भंडार का पिछले कई सालों के मुकाबले कम हुआ था. ऐसे में खाद्य सुरक्षा को लेकर कई तरह की चिंताए उभर कर सामने आई थी.

हाल ही जारी हुए रबी की फसल की बुवाई के आंकड़े उत्साह बढ़ाने वाले हैं. 2022 में गेहूं की फसल की बुवाई में 14.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में अगर मौसम ने साथ दिया तो अगले साल बंपर फसल की उम्मीद लगाई जा सकती है.

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क्या होता है बफर स्टॉक?

दरअसल देश में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने 2017 में नए मानक जारी किए थे. इन मानकों के अनुसार ये तय किया जाता है कि देश में हर चार महीने में कितना खाद्यान का स्टाक रहेगा. इसके अनुसार देश में 1 अक्तूबर को 205 लाख मीट्रिक टन बफर स्टाक होना चाहिए.

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गेहूं की फसल की बुवाई में 14.6 फीसदी इजाफा

इस बार गेहूं की बुवाई 101.4 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है. यह पिछले साल से 14.6 फीसदी ज्यादा है. वहीं तिलहन की बात करें तो यह भी पिछले साल से 12.8% ज्यादा है. नवीतम आकड़ों के मुताबिक दालों और बाकी मोटे अनाजों की बुवाई में 3.7 फीसदी और 2.8 फीसदी की कमी आई है.

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पिछले एक साल में गेहूं की खुदरा कीमतों में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है. वहीं पिछले बार किसानों को गेहूं के समर्थन मूल्य से ज्यादा दाम बाहर निजी मंडियो में मिल गए थे. इस कारण गेहूं की बुवाई के लिए किसानों में उत्साह है.

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जाने मानी अर्थशास्त्री बृंदा जागीरदार ने बताया, 'अक्टूबर में हुई बेमौसमी बारिश से खरीफ की फसल को तो नुकसान पहुंचा. लेकिन जमीन में अच्छी नमी रहने से रबी की फसल को फायदा मिलेगा.'

बफर स्टॉक में क्यों आई कमी?

भारत में पिछले 5 सालों में भारत का औसत गेहूं का भंडार करीब 350 लाख मीट्रिक टन रहा है. मगर पिछले करीब तीन सालों से भारत सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत करीब अक्तूबर 2022 तक करीब 350 लाख मीट्रिक टन गेहूं गरीबों में बांटा है. ये सरकार द्वारा दिए जा रहे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट (NFSA) के अतिरिक्त है. इससे भारत के गेहूं भंडार में कमी आई हालांकि ये अब भी बफर स्टॉक से 30 लाख मीट्रिक टन ज्यादा है.

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