डीएनए हिंदी: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया जाएगा. उनकी जयंती से एक दिन पहले मंगलवार को मोदी सरकार ने इसकी घोषणा की है. कर्पूरी ठाकुर की 24 जनवरी को 100वीं जयंती है. ऐसे में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न दिया जाएगा. कर्पूरी ठाकुर बिहार में पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने के लिए जाने जाते थे. नीतीश कुमार की जेडीयू लंबे समय से उन्हें भारत दिए जाने की मांग कर रही थी.
बता दें कि 24 जनवरी को स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर की जयंती है. केंद्र सरकार बुधवार को उनकी 100वीं जन्म जयंती के अवसर पर दिल्ली के विज्ञान भवन में एक बड़ा कार्यक्रम करने जा रही है, जिसमें केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह भी शामिल होंगे. बिहार में राजनीतिक बदलाव की आहट और संभावना को देखते हुए इसे मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक बताया जा रहा है.
पीएम मोदी ने की सराहना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की सराहना की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'मुझे इस बात की बहुत प्रसन्नता हो रही है कि भारत सरकार ने समाजिक न्याय के पुरोधा महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है. उनकी जन्म-शताब्दी के अवसर पर यह निर्णय देशवासियों को गौरवान्वित करने वाला है.'
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पीएम मोदी ने आगे लिखा, 'पिछड़ों और वंचितों के उत्थान के लिए कर्पूरी जी की अटूट प्रतिबद्धता और दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी है. यह भारत रत्न न केवल उनके अतुलनीय योगदान का विनम्र सम्मान है, बल्कि इससे समाज में समरसता को और बढ़ावा मिलेगा.'
बेटे ने जताई खुशी
कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर ने भी पिता को भारत रत्न दिए जाने पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि हमें 36 साल की तपस्या का फल मिला है. मैं अपने परिवार और बिहार के लोगों की तरफ से केंद्र सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं.
कौन थे कर्पूरी ठाकुर?
कर्पूरी ठाकुर दो बार बिहार के मुख्यमंत्री और एक बार डिप्टी सीएम रहे थे. वे बिहार के पहले गैर कांग्रेस मुख्यमंत्री थे. कर्पूरी ने 1952 में पहला विधानसभा चुनाव जीता था. 1967 के चुनाव में कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में संयुक्त सोसलिस्ट पार्टी बड़ी ताकत बनकर उभरी और राज्य में पहली गैर-कांग्रेस सरकार बनाई. महामाया प्रसाद सिन्हा को मुख्यमंत्री बनाया गया. जबकि कर्पूरी ठाकुर डिप्टी सीएम बने. उन्हें शिक्षा मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया. उन्होंने सबसे पहला काम छात्रों की फीस खत्म कर दी और अंग्रेजी अनिवार्यता को भी रद्द कर दिया.
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