ब्रह्मोस (Brahmos) एयरोस्पस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल (Nishant Aggarwal) को देश की सुरक्षा और गोपनीयता से समझौता करने का दोषी करार दिया गया था. इसमें पूर्व इंजीनियर को उम्रकैद के साथ तीन हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अडिशनल सेशन्स कोर्ट जज एमवी देशपांडे ने ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत दोषी करार दिए पूर्व इंजीनियर को यह सजा सुनाई गई है. महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश एटीएस के संयुक्त सैन्य अभियान में उसे अरेस्ट किया गया था.
ISI को खुफिया जानकारी देने का आरोप
ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल के खिलाफ एटीएस (ATS) ने पुख्ता सबूत पेश किए थे. अग्रवाल नागपुर में कंपनी के मिसाइल केंद्र के तकनीकी अनुसंधान विभाग में बतौर इंजीनियर काम करता था. उसने सुरक्षा और गोपनीयता से जुड़ी कई जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को भेजी थी. साल 2018 में दो राज्यों की एटीएस ने संयुक्त ऑपरेशन में उसे अरेस्ट किया था.
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कोर्ट ने सुनाई 14 साल की सजा
इस मामले में निशांत अग्रवाल को देश की सुरक्षा, पद के दुरुपयोग और ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत दोषी करार दिया गया है. कोर्ट ने 14 साल के कारावास की सजा सुनाई है. निशांत अग्रवाल को आई.टी. अधिनियम की धारा 66 (एफ) और सरकारी गोपनीयता अधिनियम (O.S.A.) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया है. पिछले साल अग्रवाल को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने जमानत दी थी.
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