लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ गई हैं. महादेव बेटिंग ऐप मामले में उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है. 508 करोड रुपए की प्रोटेक्शन मनी लेने के मामले में बघेल सहित 18 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. इसके साथ ब्यूरोक्रेट्स व पुलिस अधिकारियों के साथ अज्ञात लोगों का भी जिक्र है. पूर्व सीएम ने इस कार्रवाई को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है.
भूपेश बघेल कहा, 'वो (बीजेपी) ईडी से जो चाहे कार्रवाई करा सकते हैं. जब मेरा नाम एफआईआर में है तो अधिकारियों के नाम भी शामिल होने चाहिए थे. लेकिन उनके नाम का उल्लेख नहीं किया गया. इससे साफ हो जाता है कि वे मुझे निशाना बना रहे हैं और मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.'
महादेव बेटिंग ऐप के मालिक सौरव चंद्राकर, रवि उप्पल शुभम सोनी और अनिल से प्रोटेक्शन मनी लेने का आरोप है. ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट में जिन आरोपियों के नाम दर्ज है, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री बघेल का भी हैं. चंद्राकर और उप्पल के करीबी असीम दास को विधानसभा चुनाव के दौरान रायपुर के एक होटल से गिरफ्तार किया गया था. उसके पास से पौने तीन करोड रुपये बरामद किए गए थे. असीम ने अपने बयान में कहा था कि यह पैसे भूपेश बघेल को देने आया था. इसी दौरान असीम ने 508 करोड़ रुपये भूपेश बघेल तक पहुंचाने का दावा भी किया था. इसी आधार पर यह FIR दर्ज की गई है.
EOW की एफआईआर के अनुसार, महादेव बुक ऐप के प्रमोटर्स रवि उप्पल, शुभम सोनी, सौरभ चंद्राकर, अनिल अग्रवाल के द्वारा विभिन्न लाइव गेम के अवैध सट्टेबाजी के लिए ऑफलाइन सट्टेबाजी के स्थान पर विकल्प के रूप में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का निर्माण किया गया, जिसमें व्हाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम जैसे माध्यम से विभिन्न वेबसाइटों के जरिए सट्टा खिलाया जाने लगा. इन प्रमोटर्स द्वारा ऑनलाइन बेटिंग के लिए विभिन्न प्लेटफार्म तैयार कर पैनल ऑपरेटर और ब्रांच संचालकों के माध्यम से ऑनलाइन बेटिंग संचालन किया गया.
ऑनलाइन सट्टा में कमाए 450 करोड़
ऑनलाइन बेटिंग एप के संचालन से प्रमोटर्स आदि ने वर्ष 2020 में लॉकडाउन के बाद से ऑनलाइन सट्टा खिलाकर लगभग 450 करोड़ रुपये मासिक की अवैध राशि अर्जित की थी. इस अवैध कारोबार से जुड़े लोगों ने फर्जी दस्तावेजों की आधार पर सैकड़ों बैंक अकाउंट खोल रखे थे. इन बैंकों के जरिए राशि को संयुक्त अरब अमीरात तक पहुंचाया गया.
एफआईआर में कहा गया है कि महादेव बुक ऐप के प्रमोटर्स द्वारा ऑनलाइन सट्टा से प्राप्त अवैध राशि का भारी मात्रा में कई कंपनियां, शेल कंपनियों और शेयर मार्केट में निवेश किया गया. इसी तरह क्रिप्टोकरेंसी में भी इनके द्वारा निवेश किया गया.
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा महादेव ऑनलाइन एप के साथ जुड़े हरिशंकर बिबरेवाल के द्वारा इसी तरह का स्काई एक्सचेंज नामक बेटिंग प्लेटफॉर्म चलाया जा रहा था, जिसके पास से अवैध तरीके से अर्जित की गई 500 करोड़ की संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय द्वारा संलग्न की गई है. जांच में इस बात का भी पता चला है कि महादेव एप के प्रमोटर्स द्वारा अपने विरुद्ध कार्रवाइयों को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों सहित प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों का संरक्षण प्राप्त किया गया. इसके एवज में उन्हें नियमित तौर पर प्रोटेक्शन मनी के रूप में भारी राशि दी गई. आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है. यह प्रकरण 4 मई को दर्ज किया गया था. (PTI इनपुट के साथ)
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