'अगर मैं नहीं होता तो CM जेल में होते', राजेंद्र गुढ़ा बोले 'मैंने छुपाई थी गहलोत की लाल डायरी'

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 23, 2023, 11:01 PM IST

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Rajasthan Politics: पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने आरोप लगाया कि ED की रेड के दौरान सीएम आशोक गहलोत के कहने पर उन्होंने एक लाल डायरी छुपाई थी.

डीएनए हिंदी: राजस्थान में मंत्री पद से बर्खास्त किए गए राजेंद्र गुढ़ा ने रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि अगर मैं नहीं होता तो सीएम गहलोत जेल में होते. गुढ़ा ने एक 'लाल डायरी' का जिक्र करते हुए दावा किया कि उन्होंने कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग (Income Tax) की छापेमारी के दौरान मुख्यमंत्री के निर्देश पर ‘लाल डायरी’ को सुरक्षित जगह पर छिपाया था.

पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने झुंझुनू जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित कहा कि अगर वह नहीं होते तो गहलोत जेल में होते लेकिन उन्हें बर्खास्त करने से पहले सफाई का भी मौका नहीं दिया गया. सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा, पंचायती राज और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रहे गुढ़ा को विधानसभा में कानून और व्यवस्था पर राज्य सरकार को घेरने के कुछ घंटों बाद शुक्रवार शाम को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहने के बजाय सीधे बर्खास्त कर दिया गया.

लाल डायरी में क्या था?
राजेंद्र गुढ़ा ने कहा, ‘अगर आपने(गहलोत ने) मुझसे इस्तीफा देने के लिए कहा होता तो मैं इस्तीफा दे देता. आपको फोन करना चाहिए था और नोटिस देना चाहिए था.’ गुढ़ा ने कहा कि न्यायाधीश भी कार्रवाई से पहले एक मौका देते हैं. उन्होंने एक लाल रंग की डायरी का अस्पष्ट जिक्र करते हुए कहा कि सीएम गहलोत ने उनसे एक डायरी सुरक्षित रखने को कहा था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के कहने पर उन्होंने डायरी सुरक्षित रख ली थी. उन्होंने यह भी पूछा कि डायरी में क्या है.

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'PM ने राजस्‍थान के स्वाभिमान पर की चोट'
वहीं, मणिपुर की घटना पर पीएम मोदी की पहली प्रतिक्रिया में राजस्थान का जिक्र आने पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उन्होंने राजस्‍थान के स्वाभिमान पर चोट की है.गहलोत ने कहा कि देश की जनता मोदी नीत सरकार के कारनामों व लापरवाही से दुखी है. प्रधानमंत्री ने राजस्थान के स्वाभिमान पर चोट की है. देश की 140 करोड़ जनता को शर्मसार नहीं होना पड़ रहा है बल्कि वह आपकी सरकार के कारनामों, आपकी विफलता और आपकी लापरवाही से दुखी है. गहलोत ने कहा कि 77 दिन तक मोदी ने इस मुद्दे पर एक शब्द नहीं बोला लेकिन उच्चतम न्यायालय से संकेत मिलने के बाद कुछ सेकंड में ही अपनी बात रखकर औपचारिकता पूरी कर दी.

गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर में 2 महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाए जाने की घटना पर गुरुवार को कहा था, ‘घटना चाहे राजस्थान की हो, चाहे छत्तीसगढ़ की हो या फिर मणिपुर की. हिंदुस्तान के किसी भी कोने में किसी भी राज्य की सरकार को राजनीतिक वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून व्यवस्था को महत्व देना चाहिए और नारी के सम्मान की रक्षा करनी चाहिए. पीएम मोदी ने कहा  कि मणिपुर की जो घटना सामने आई है वह किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है...140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है.’ (इनपुट भाषा के साथ)

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