यूपी: PGI अस्पताल में बेटे के इलाज के लिए गिड़गिड़ाते रहे पूर्व सांसद, स्ट्रेचर पर ही तोड़ा दम

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 30, 2023, 10:58 AM IST

Bhairon Prasad Mishra

Lucknow News: भैरो प्रसाद मिश्रा बांदा लोकसभा सीट से साल 2014 में बीजेपी के सांसद चुने गए थे. उनके बेटे प्रकाश मिश्रा लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे.

डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीजेपी के पूर्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्रा के बेटे की मौत हो गई. मिश्रा ने पीजीआई अस्पताल के डॉक्टरों पर उनके बेटे का इलाज नहीं करने का आरोप लगाया है. पूर्व सांसद का कहना है कि वह डॉक्टरों से अपने बेटे के इलाज करने के लिए गुहार लगाते रहे लेकिन किसी भी डॉक्टर ने उसका हाथ तक नहीं पकड़ा. समय पर इलाज नहीं मिल पाने की वजह से उसने दम तोड़ दिया. मिश्रा ने इस लापरवाही को लेकर पीजीआई डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

भैरो प्रसाद मिश्रा बांदा लोकसभा सीट से साल 2014 में बीजेपी के सांसद चुने गए थे. उनके बेटे प्रकाश मिश्रा (40) किडनी की बीमारी थी. शनिवार रात 11 बजे अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई. पूर्व सांसद अपने बेटे को लेकर पीजीआई इमरजेंसी वार्ड पहुंचे. आरोप है कि इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर ने उनके बेटे के भर्ती नहीं किया. वह बेटे स्ट्रेचर पर लेकर काफी देर तक इमरजेंसी के बाहर खड़े रहे और डॉक्टरों से उनके बेटे को भर्ती करने के लिए गुहार लगाते रहे.

एक घंटे तक डॉक्टरों नहीं लगाया हाथ
पूर्व सांसद का आरोप है कि किसी भी डॉक्टर ने उनके बेटे को हाथ तक नहीं लगाया. करीब एक घंटे के बाद प्रकाश मिश्रा ने दम तोड़ दिया. इससे नाराज भैरो प्रसाद मिश्रा इमरजेंसी वार्ड में ही धरने पर बैठ गए. उन्होंने कार्रवाई करने की मांग की. वहीं घटना का सूचना मिलते ही PGI निदेशक डॉ आरके धीमन और सीएमएस डॉक्टर संय धीराज मौके पर पहुंच गए.

पीजीआई निदेशक धीमन ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने जांच के लिए तीन सदस्यों की कमेटी बनाई है. धीम ने पूर्व सांसद को आश्वासन दिया है कि जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद भैरो मिश्रा अपने बेटे के शव को लेकर घर के लिए रवाना हो गए.

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अखिलेश यादव ने बीजेपी को घेरा
पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, 'बात किसी विशेष व्यक्ति को इलाज न मिल पाने की वजह से दम तोड़ देने की नहीं है, हर एक सामान्य नागरिक के जीवन के मूल्य की भी है.

अखिलेश ने आगे लिखा, 'जब उप्र में सत्ताधारी बीजेपी के पूर्व सांसद के पुत्र तक को इलाज नहीं मिल पा रहा है तो आम जनता के बारे में क्या कहना. आशा है दूसरे राज्यों में चुनाव प्रचार से लौटने के बाद उप्र के भाजपाई मंत्रीगण इसका संज्ञान लेंगे क्योंकि अभी तो उनके लिए चुनाव किसी के जीवन से अधिक महत्वपूर्ण है.' 

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