हैदराबादी आतंकियों का पाकिस्तानी कनेक्शन, ड्रोन से भारत में गिराए गए हैंड ग्रेनेड!

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 04, 2022, 07:58 PM IST

हैदराबाद के आतंकी

तेलंगाना पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. हैदराबाद में पकड़े गए तीनों आतंकियों का पाकिस्तान से कनेक्शन है. एनआईए जांच कर सकती है...

डीएनए हिन्दी: हैदराबाद (Hyderabad) में रविवार को पकड़े गए 3 आतंकियों को लेकर तेलंगाना पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस को इनके पास से 4 हैंड ग्रेनेड (Four Grenades ) मिले हैं. ये चारों हैंड ग्रेनेड मेड इन चाइना हैं. पुलिस का दावा है कि ये हैंड ग्रेनेड उसी हथियारों के जखीरे का हिस्सा हैं जिसे कुछ महीने पहले पाकिस्तान द्वारा ड्रोन से पंजाब सीमा के पास गिराया गया था. 

पुलिस ने बताया कि वे उस आतंकी नेटवर्क को ट्रैक करने की कोशिश कर रहे हैं जिसने हैदराबाद में लश्कर के इन गुर्गों को हैंड ग्रेनेड पहुंचाया है. इन आतंकियों के नाम अब्दुल जाहेद, मोहम्मद समीउद्दीन और माज हसन फारूक है. हैदराबाद में लश्कर के मॉड्यूल का पैन इंडिया लिंक की जांच की जाएगी. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) इसे इसे अपने हाथों में ले सकती है.

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नाम न बताने की शर्त पर टाइम्स ऑफ इंडिया को सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस गिरोह के काम करने का ढंग हरियाणा, नांदेड़, तेलंगाना के आदिलाबाद सब जगह एक समान है. एक ही तरीके से इन्हें हथियार पहुंचाए गए हैं. ये हथियार पाकिस्तान द्वारा ड्रोन से पंजाब सीमा के पास गिराए गए थे. मई में एक हथियारों के एक खेप को पुलिस ने जब्त किया था. उसमें भी ठीक ऐसे ही हैंड ग्रेनेड मिले थे.

रविवार को गिरफ्तार किए गए तीनों आतंकियों में जाहेब अपने पाकिस्तानी अकाओं के संपर्क में था. फरहतुल्ला, सिद्दीकी बिन उस्मान और अब्दुल मजीद इनको रावलपिंडी में बैठकर गाइड कर रहे थे. इनको दशहरा के मौके पर सार्वजनिक जगहों पर आतंक फैलाने का जिम्मा दिया गया था.

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अधिकारी ने कहा कि हम तीनों को हिरासत में लेगें. उनके मॉड्यूल के बारे में पूछताछ करेंगे. पुलिस ने बताया कि इनके पास से ढेर सारा पैसा मिला है. पूछताछ पर इन्होंने बताया कि बिजनेस के लिए इन्होंने उधार लिया था, लेकिन उधार देने वालों का ये नाम नहीं बता पाए.

सबसे से चौंकाने वाली बात ये अपने आकाओं से कोड में बात करते थे. इनकी भाषा को खुफिया एजेंसियां डिकोड करने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने ऐप्स के जरिए पाकिस्तानी आकाओं से बात की थी.

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