डीएनए हिंदी: जी-20 समिट (G-20 Summit) का शानदार समापन हो चुका है और पूरे विश्व में इस सफल आयोजन के लिए भारत की तारीफ हो रही है. आयोजन की कूटनीतिक सफलता यह भी है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारत के घोषणा पत्र पर आम सहमति बन गई. आयोजन से पहले इसे कूटनीतिक तौर पर सबसे मुश्किल मोर्चा माना जा रहा था. इस घोषणा पत्र को तैयार करने से लेकर इस पर आम सहमति बनाने तक में आईएएस अधिकारी अमिताभ कांत का बहुत बड़ा योगदान रहा है. भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत की खूब प्रशंसा हो रही है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी उनकी तारीफ करते हुए इसे पूरे भारत के लिए बड़ी जीत कहा है. जानें क्या कहा कांग्रेस सांसद ने और कौन हैं अमिताभ कांत.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी की तारीफ
कांग्रेस सांसद शशि थरूर खुद विदेश सेवा में रह चुके हैं और उन्होंने कई अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है. उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर जी-20 समिट की सफलता पर लिखा, 'भारत के लिए यह जी20 में एक गर्व का पल है. बहुत शानदार अमिताभ कांत! एक बार फिर ऐसा लग रहा है कि भले ही आपने आईएएस का विकल्प चुना लेकिन आईएफएस ने एक बेहतरीन राजनयिक खो दिया.'
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अमिताभ कांत ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि एक मसौदे पर आम सहमति बनाना काफी मुश्किल था. इसके लिए सभी देशों के शेरपा के साथ काम करना था और 200 से ज्यादा राउंड वार्ताएं होती रहीं. सहमति से पहले सबको एक मंच पर लाना अपने-आप में काफी चुनौतीपूर्ण रहा. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ज्यादातर लोगों को उम्मीद नहीं थी कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच सबको एक मंच पर लाया जा सकेगा. ड्राफ्ट में भी कई स्तर पर बदलाव करना पड़ा.
कौन हैं अमिताभ कांत
केरल कैडर के 1980-बैच के आईएएस अधिकारी अमिताभ कांत इससे पहले नीति आयोग के भी चेयरमैन रह चुके हैं. कांत ने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज और फिर जेएनयू से पढ़ाई की है. उन्हें भारत के आर्थिक मामलों के अलावा वैश्विक मामलों के जानकार प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर जाना जाता है. मोदी सरकार के सबसे योग्य और भरोसेमंद ब्यूरोक्रेट्स में भी कांत का नाम लिया जाता है. जी-20 का शेरपा बनाने के लिए कई नामों की चर्चा थी लेकिन अमिताभ कांत के नाम पर ही सहमति बनी.
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