डीएनए हिंदी: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की ओर से आज श्रीहरिकोटा परीक्षण रेंज से गगनयान मिशन के व्हीकल टेस्ट फ्लाइट (टीवी-डी1) का पहला टेस्ट सफलतापूर्वक किया गया. ख़राब मौसम के चलते इसरो ने अपने इस टेस्ट को होल्ड कर दिया था. लॉन्चिंग से पांच सेकंड पहले मिशन को होल्ड कर दिया गया था. तकनीकी खामी की वजह से परीक्षण उस समय नहीं हो सका था लेकिन अब इसे सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया है. कुछ देर के अंदर ही इसरो के वैज्ञानिकों ने तकनीकी खामी को दूर कर इतिहास रच दिया.
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने तकनीकी खामी आने पर बताया था कि गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट आज नहीं हो पाई है. पहले लॉन्चिंग सुबह 8 बजे होनी थी लेकिन बिगड़े मौसम की वजह से लॉन्चिंग का टाइम 8.45 पर किया गया. इसरो चीफ ने बताया कि इंजन इग्निशन नहीं हो पाया. इसके साथ उन्होंने कहा कि व्हीकल पूरी तरह से सुरक्षित है, खामियों का पता लगाने के बाद लॉन्चिंग की अगली तारीख बताई जाएगी.
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क्या है गगनयान मिशन के परीक्षण का उद्देश्य?
इस परीक्षण के जरिये ऐसी काल्पनिक स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी की प्रणाली को परखा जाएगा, जिससे इस अभियान में किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े. गगनयान मिशन के परीक्षण का उद्देश्य है कि अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, आपात स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली प्रणाली का परीक्षण करना और इसके साथ महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों और मानव सुरक्षा का आकलन करना. इस टेस्ट को लेकर इसरो ने बताया कि फ्लाइट टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन1 में किसी अनहोनी की दशा में अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने में यह क्रू-एस्केप प्रणाली काम आएगी. उड़ान भरते समय अगर मिशन में गड़बड़ी हुई तो यह प्रणाली क्रू मॉड्यूल के साथ यान से अलग हो जाएगी, कुछ समय के लिए ही उड़ान भरेगी. इसमें मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को नौसेना की ओर से समुद्र से सुरक्षित वापस लाया जाएगा.
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