Gandhi Jayanti 2024: महात्मा गांधी के 5 ऐसे आंदोलन, जिससे देशभर में फैली आजादी की चिंगारी, घुटनों पर आए अंग्रेज

Written By आदित्य प्रकाश | Updated: Oct 02, 2024, 09:11 AM IST

महात्मा गांधी को देश के लोग राष्ट्रपिता का दर्जा देते हैं.

Gandhi Jayanti 2024: इन आंदोलनों की चिंगारी पूरे देश में फैली, लोग अपने अधिकारों के लेकर जागरुक हुए, और देश ने वो दिन देखा जब अंग्रेज घुटने पर आए और उन्हें भारत छोड़कर जाना पड़ा. आइए आज के इस खास अवसर पर हम महात्मा गांधी के 5 बड़े आंदोलनों के बारे में समझते हैं.

Gandhi Jayanti 2024: आज 2 अक्टूबर का दिन है. आज के दिन ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ था. आज के दिन पूरा देश उनकी 155वीं जयंती मना रहा है. आज के दिन को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाते हैं. महात्मा गांधी के अहिंसा और सत्य को लेकर दी गई शिक्षा पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादायक है. 15 अगस्त 1947 को हमें अंग्रेजी शासन से आजादी हासिल हुई. इस आजादी की प्राप्ती के लिए महात्मा गांधी ने बड़ी मेहनत की थी. उनके निरंतर संघर्ष का ही नतीजा है कि हम आज एक आजाद देश में जी रहे हैं. उन्होंने भारत को स्वतंत्र कराने के लिए कई आंदोलन किए. इन आंदोलनों की चिंगारी पूरे देश में फैली, लोग अपने अधिकारों के लेकर जागरुक हुए, और देश ने वो दिन देखा जब अंग्रेज घुटने पर आए और उन्हें भारत छोड़कर जाना पड़ा. आइए आज के इस खास अवसर पर हम महात्मा गांधी के 5 बड़े आंदोलनों के बारे में समझते हैं.

महात्मा गांधी के 5 बड़े आंदोलनों की लिस्ट
चंपारण सत्याग्रह (Champaran Satyagraha)
रॉलेट ऐक्ट को विरोध (Protest Against The Rowlatt Act)
असहयोग आंदोलन (Non-cooperation movement)
नमक सत्याग्रह (Salt Satyagrah)
भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement)

इन आंदोलनों का असर
इन्हीं आदोलनों का असर था कि अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था. भारत छोड़ो आंदोलन आंदोलन की बात करें तो इस आंदोलन के दैरान महात्मा गांधी ने 'करो और मरो' का नारा दिया था. साथ ही अंग्रेजों के सामने पूर्ण स्वराज की मांग की थी. इस आंदोलन की वजह से गांधी जी को जेल भी जाना पड़ा था. चंपारण सत्याग्रह की बात करें तो ये आंदोलन महात्मा गांधी ने बिहार के किसानों के पक्ष में चलाया था. रॉलेट ऐक्ट को विरोध की वजह इस जन विरोधी एक्ट को खत्म करना था. असहयोग आंदोलन ने भारत में क्रांति की एक नई लहर पैदा की. इस आंदोलन की वजह से अंग्रेजों का बहुत नुकसान हुआ था. नमक सत्याग्रह ने भारतीयों ने मन में आजादी की नई उम्मीद जगा दी थी. 

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