Gauri Lankesh हत्याकांड में बड़ा अपडेट, आरोपियों को मिली जमानत फिर हिंदू संगठनों ने ऐसे किया भव्य स्वागत

Written By मीना प्रजापति | Updated: Oct 13, 2024, 09:33 PM IST

गौरी लंकेश केस में एक बड़ा अपडेट सामने आया है. मामले के दो आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिलने के बाद इनका हिंदू संगठनों ने भव्य स्वागत किया है. हिंदू संगठनों का कहना है कि इन्हें गलत तरीके से फंसाया गया.

Gauri Lankesh Murder case : 5 सिंतबर, 2017 वह तारीख जब पत्रकार गौरी लंकेश के बेंगलुरु स्थित घर के बाहर उन पर गोली चलाई गई थी और कार्यकर्ता व पत्रकार की जान चली गई थी. तीन मोटरसाइकिल सवार ने उन पर गोली चलाई थी. इस मामले से जुड़े दो आरोपियों को 9 अक्टूबर को बेंगलुरु सत्र न्यायालय ने जमानत दी थी और 11 अक्टूबर को ये जेल से बाहर आ गए.  जमानत मिलने के बाद हिंदू समर्थक संगठनों ने उनका भव्य स्वागत किया. 

कोर्ट से जमानत मिलने के बाद परशुराम वाघमोरे और मनोहर यादवे का उनके गृहनगर विजयपुरा में हिंदू समूहों ने माला पहनाकर, नारंगी शॉल भेंट करके और उत्सव गीतों के साथ उनका स्वागत किया. दोनों को छत्रपति शिवाजी की मूर्ति के पास ले जाया गया, जहां पर दोनों ने मूर्ति पर माल्यार्पण किया. इसके बाद वे पूजा करने के लिए कालिका मंदिर गए. 

क्यों किया गया आरोपियों का स्वागत
गौरी लंकेश हत्याकांड के आरोपियों का स्वागत करने वाले हिंदू समूहों का कहना है कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया. दोनों आरोपी जब जेल से बाहर आ गए तब विजयदशमी के दिन उनका भव्य स्वागत किया गया. आपको बता दें 11 अक्टूबर को परप्पाना अग्रहारा जेल से छोड़ा जा चुका है.

दोनों आरोपियों का स्वागत करते हुए हिंदू संगठन ने कहा कि विजयदशमी हमारे लिए महत्वपूर्ण दिन है. हमने परशुराम वाघमोरे और मनोहरे यादवे का स्वागत किया. इन दोनों को गौरी लंकेश की हत्या के आरोप में छह साल तक गलत तरीके से जेल में रखा गया. असली दोषियों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. इन्हें सिर्फ इसलिए फंसाया गया क्योंकि ये हिंदू समर्थक कार्यकर्ता थे. 


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किस-किस पर लगे थे आरोप
आपको बता दें, गौरी लंकेश की हत्या 5 सितंबर, 2017 को कर दी थी. इस हत्या के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई थी. दिसंबर 2023 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गौरी लंकेश हत्याकांड के आरोपियों की सुनवाई में तेजी लाने के लिए एक विशेष अदालत की स्थापना का निर्देश दिया था. गौरी लंकेश हत्याकांड में अब तक वाघमोरे और यादवे के अलावा अमोल काले, राजेश डी बंकेरा, वासुदेव सुर्यवंशी, रुशिकेश देवडेकर, गणेश मिस्किन और अमिथ रामचंद्र बद्दी को 9 अक्टूबर को जमानत दे दी गई थी. 

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