Gautam Adani: अडानी घूसकांड पर व्हाइट हाउस का आया बयान, क्या भारत-अमेरिका संबंधों पर पड़ेगा इसका असर?

Written By आकांक्षा सिंह | Updated: Nov 22, 2024, 09:58 AM IST

Gautam Adani Case: गौतम अडानी और उनके समूह पर अमेरिका ने घूस देने का आरोप लगाया है. इस पर दोनों देशों के रिश्तों को लेकर चर्चाएं काफी तेज होव गई हैं. वहीं दूसरी तरफ  व्हाइट हाउस ने भी इसपर कुछ कहा है. 

Gautam Adani Bribery case News: अमेरिका में गौतम अडानी और उनके समूह पर घूस देने के आरोप लगाया है, जिसके चलते दोनों देशों के रिश्तों पर संभावित असर को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. अब इस मुद्दे पर व्हाइट हाउस ने अपनी प्रतिक्रिया दे दी है, जिसमें भारत और अमेरिका के मजबूत संबंधों पर भरोसा जताया गया है.

व्हाइट हाउस का बयान
व्हाइट हाउस ने कहा कि उन्हें अडानी पर लगे आरोपों की पूरी जानकारी है. मामले से संबंधित अधिक जानकारी के लिए उन्होंने अमेरिका के सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमिशन (SEC) और डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DOJ) से संपर्क करने की बात कही. बयान में कहा गया, भारत और अमेरिका के रिश्ते बेहद मजबूत नींव पर टिके हैं. दोनों देशों के बीच सहयोग वैश्विक मुद्दों तक फैला हुआ है. हमें भरोसा है कि यह मामला भी अन्य विवादों की तरह सुलझा लिया जाएगा. 

अडानी पर आरोप क्या हैं?
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने 2021 में भारत में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए आंध्र प्रदेश और ओडिशा के अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर (लगभग 2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी. रिपोर्ट के अनुसार, 8,000 मेगावाट बिजली परियोजनाओं के लिए अडानी समूह ने बोली जीती थी, लेकिन राज्य सरकारों की मूल्य अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर सका. आरोप है कि आंध्र प्रदेश के तत्कालीन सीएम और अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद, राज्य ने 7,000 मेगावाट बिजली खरीदने पर सहमति जताई. कथित तौर पर, 7,000 मेगावाट बिजली के लिए अधिकारियों को 1,750 करोड़ रुपये रिश्वत दी गई. इसी तरह, ओडिशा ने 500 मेगावाट बिजली खरीदी थी.

रिश्वत का मामला
हालांकि घूसकांड भारत में हुआ है, लेकिन मामला अमेरिकी न्यायालयों में चल रहा है. अडानी समूह पर अमेरिकी कानूनों के तहत कार्रवाई की जा रही है, क्योंकि इसमें अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेनदेन शामिल हैं.


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भारत-अमेरिका रिश्तों पर क्या पडे़गा असर?
व्हाइट हाउस ने भारत-अमेरिका संबंधों पर भरोसा जताते हुए कहा कि यह मामला दोनों देशों की साझेदारी को प्रभावित नहीं करेगा. अमेरिका का कहना है कि दोनों देशों के बीच के रिश्ते वैश्विक और आर्थिक सहयोग के कई स्तरों पर आधारित हैं. इस मामले का समाधान भी उसी भावना में निकाला जाएगा. अडानी समूह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका कामकाज हमेशा कानून के दायरे में रहा है.

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