बिहार के गया को मोक्ष और ज्ञान की भूमि के रूप में पहचान मिली हुई है. यह शहर छोटी-छोटी पहाड़ियों से घिरा है और फल्गु नदी के तट पर बसा है. मान्यता है कि फल्गु में तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. यह भी कहा जाता है कि माता सीता ने यहां पर राजा दशरथ की आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया था. यहां का बोधगया वह भूमि है, जहां ज्ञान पाकर राजकुमार सिद्धार्थ भगवान बुद्ध बने थे. गया लोकसभा सीट 2024 के लिए मतदान 19 अप्रैल को होना है.
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गया लोकसभा सीट आरक्षित सीट है. इस संसदीय क्षेत्र के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं. ये हैं - शेरघाटी, बाराचट्टी, बोधगया, गया टाउन, बेलागंज और वजीरगंज. 2019 के आम चुनाव में गया लोकसभा सीट से जनता दल (यूनाइटेड) के प्रत्याशी विजय मांझी ने जीत दर्ज की थी. उन्हें कुल 467007 वोट मिले थे. इनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रत्याशी जीतन राम मांझी रहे थे जिन्हें 314581 वोट मिले थे. 2019 के चुनाव में 30 हजार 30 वोटरों ने नोटा का चयन किया था. 2019 के चुनान में गया संसदीय क्षेत्र में कुल मतदाता 1704596 थे. इसमें महिला वोटरों की संख्या 820562 थी, जबकि पुरुष वोटर 883976 थे.
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झारखंड की सीमा से सटा यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित है. इस जिले के 24 प्रखंडों में शहर को छोड़कर लगभग सभी क्षेत्र नक्सल प्रभावित हैं. 2024 के आम चुनाव के लिए गया लोकसभा सीट पर कुल 15 प्रत्याशी मैदान में हैं. बता दें कि इस बार कुल 22 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था. 30 मार्च को स्क्रूटनी के बाद 7 प्रत्याशियों का नामांकन पत्र रद्द कर दिया गया है. 2 अप्रैल तक नाम वापसी की तिथि रखी गई है. 2024 के आम चुनाव में बिहार के गया लोकसभा सीट पर एनडीए ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संरक्षक जीतन राम मांझी पर दांव खेला है, जबकि महागठबंधन की ओर से राष्ट्रीय जनता दल ने कुमार सर्वजीत को मैदान में उतारा है. बिहार के राजनीतिक पंडितों का मानना है कि मांझी और सर्वजीत के बीच सीधी टक्कर है.
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