जेमिनी सर्कस वाले शंकरन का निधन, सेना में किया था काम, विश्व युद्ध के बाद हुए थे रिटायर

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Apr 24, 2023, 01:03 PM IST

Gemini Shankaran (File Photo)

Gemini Shankaran: जेमिनी सर्कस के संस्थापक जेमिनी शंकरन का 99 साल की उम्र में निधन हो गया है. उन्हें देश में सर्कस को बढ़ावा देने वाले शख्स के तौर पर जाना जाता है.

डीएनए हिंदी: भारत में सर्कस की दुनिया का बड़ा नाम माने जाने वाले जेमिनी शंकरन का 99 साल की उम्र में निधन हो गया है. उन्होंने जेमिनी सर्कस और जंबो सर्कस की शुरुआत की थी जो पूरे देश में मशहूर हुए. वह सेना में भी शामिल हुए थे और दूसरे विश्व युद्ध के बाद रिटायर हो गए थे. केरल के सीएम पिनराई विजयन ने उनके निधन पर दुख जताया है. भारत सरकार जेमिनी शंकरन को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित कर चुकी है.

जेमिनी शंकरन के पारिवारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि वह बढ़ती उम्र संबंधी बीमारियों के कारण पिछले कुछ दिन से एक निजी अस्पताल में भर्ती थे. रविवार रात को उनका निधन हो गया. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और भारतीय सर्कस को दुनियाभर में लोकप्रिय बनाने में उनकी अहम भूमिका की सराहना की.

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दिग्गज नेताओं से रहे शंकरन के संबंध
पिनराई विजयन ने कहा, 'उन्होंने भारतीय सर्कस के आधुनिकीकरण में एक बड़ी भूमिका निभाई और विदेशी कलाकारों एवं उनके करतबों को इसमें शामिल किया.' उन्होंने आगे कहा कि प्रगतिशील दृष्टिकोण रखने वाले शंकरन के साथ उनके घनिष्ठ संबंध थे. शंकरन के विभिन्न प्रधानमंत्रियों, राष्ट्रपतियों और अन्य प्रमुख हस्तियों के साथ भी अच्छे संबंध थे. विजयन ने कहा कि शंकरन का निधन देश में सर्कस की कला के लिए एक बड़ी क्षति है. 

आपको बता दें कि शंकरन का जन्म 1924 में हुआ था. उन्होंने प्रसिद्ध सर्कस कलाकार कीलेरी कुन्हिकन्नन से तीन साल तक प्रशिक्षण लिया और बाद में सेना में शामिल हो गए. वह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद रिटायर हो गए थे. देश भर के विभिन्न सर्कस समूहों के साथ काम करने के बाद, उन्होंने 1951 में विजया सर्कस कंपनी खरीदी और इसका नाम बदलकर जेमिनी सर्कस कर दिया. बाद में उन्होंने अपनी दूसरी कंपनी जंबो सर्कस शुरू की. 

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केंद्र सरकार ने देश में सर्कस के क्षेत्र में शंकरन के समग्र योगदान को देखते हुए उन्हें 'लाइफटाइम अचीवमेंट' पुरस्कार से सम्मानित किया था. शंकरन के परिवार में दो बेटे और एक बेटी है. उनके पार्थिव शरीर को उनके आवास पर रखा जाएगा, ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें. उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को पय्याम्बलम समुद्रतट पर किया जाएगा.

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