इन राज्यों में बिना इजाजत जांच नहीं कर पाएगी अब CBI, सरकार ने बताई लिस्ट, जानिए इसका मतलब

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 14, 2022, 04:02 PM IST

विरोधी दल केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में कहा है कि 9 राज्यों ने CBI को दी गई आम सहमति वापस ले ली है. आइए इसका मतलब समझते हैं.

डीएनए हिंदी: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने बुधवार को कहा कि तेलंगाना और पश्चिम बंगाल समेत 9 राज्यों ने CBI को कुछ अपराधों के मामलों में जांच के लिए दी गई आम स्वीकृति को वापस ले लिया है. जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन अधिनियम, 1946 की धारा 6 के तहत CBI को राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र के मामलों की जांच के लिए उनकी मंजूरी लेनी होती है. 

जितेंद्र सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़, झारखंड, केरल, मेघालय, मिजोरम, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल ने सीबीआई को दी गई आम स्वीकृति को वापस ले लिया है. जिन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकारें नहीं हैं, वहां ही आम स्वीकृति वापस ली गई है.

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क्यों राज्यों ने वापस ली आम सहमति?

एनडीए सरकार के विरोधी दलों का कहना है कि CBI और दूसरी केंद्रीय एजेंसियों के जरिए केंद्र सरकार उन राज्यों में विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाती है, जहां बीजेपी की सरकार नहीं है. विरोधी पार्टियों का आरोप है कि केंद्र सरकार इन एजेंसियों का दुरुपयोग करती है. 

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क्या है केंद्रीय एजेंसियों को दी गई आम सहमति?

CBI को दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 से अधिकार मिलता है. 9 राज्यों ने इसी अधिनियम की धारा 6 के अंतर्गत CBI को पहले दी गई आम सहमति वापस ले ली है. जिन राज्यों ने आम सहमति वापस ली है, वहां किसी भी तरह की कार्रवाई के लिए CBI राज्य सरकार की सहमति लेने के लिए बाध्य है.

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