Jammu Kashmir News: गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल बनेंगे या नहीं, जवाब ने बढ़ाया सस्पेंस 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 01, 2023, 08:29 PM IST

Ghulam Nabi Azad

Ghulam Nabi Azad LG: कांग्रेस से रास्ते अलग कर चुके गुलाम नबी आजाद के बारे में लंबे समय से चर्चा है कि वह बीजेपी के साथ जा सकते हैं. उन्हें जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बनाए जाने की खबरें भी चल रही हैं जिसका जवाब अब दे दिया है. 

डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद को केंद्र शासित प्रदेश का उपराज्यपाल बनाए जाने की खबरें चल रही हैं. आजाद ने कुछ समय पहले ही कांग्रेस से अलग होकर अपनी डीपीएपी पार्टी बनाई है. अब एलजी बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों की सेवा करना चाहते हैं. आजाद ने स्पष्ट तौर पर यह नहीं कहा कि वह पद नहीं लेंगे लेकिन प्रदेश के लोगों की सेवा की बात कहकर उन्होंने इशारों में बहुत कुछ जरूर कह दिया है. बता दें कि राज्यसभा से उनकी विदाई के वक्त पीएम नरेंद्र मोदी ने भी तारीफ की थी और उन्हें हिम्मती और कर्मठ नेता बताते हुए सैल्यूट भी किया था. आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के बाद भी आजाद के तेवर बीजेपी के लिए अभी ज्यादा तल्ख नहीं हैं. 

पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने खुद के जम्मू-कश्मीर के अगले उपराज्यपाल बनने के सवाल पर कहा कि यह सब खबरें सिर्फ अफवाह है. मैं प्रदेश का नागरिक हूं और हमेशा यहां के लोगों की सेवा करने के लिए तत्पर रहूंगा. इसके अलावा, उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को रफ्तार दिलाने पर भी बात की. उन्होंने कहा कि सूबे की तरक्की के लिए जरूरी है कि लोगों के लिए रोजगार के अवसर बनें और कानून-व्यवस्था अच्छी तरह से काम करे.

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पार्टी की स्थापना दिवस पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया 
पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने अपनी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) की स्थापना दिवस पर एक रैली को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल बनने की खबरों पर यकीन न करें. उन्होंने कहा,  ‘मैं लोगों से अनुरोध करूंगा कि वे अफवाहों पर भरोसा न करें. मैं लोगों की सेवा करना चाहता हूं और यहां मेरी वापसी रोजगार के तलाश में नहीं हुई है. अब नई अफवाह है कि गुलाम नबी आजाद अगले उपराज्यपाल बनने जा रहे हैं.’

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आजाद के बयान में छिपे हैं कई संकेत 
भले ही रैली में आजाद ने कहा हो कि वह एलजी पद के दावेदार नहीं है लेकिन उन्होंने इशारा स्पष्ट कर दिया है कि वह अभी प्रदेश की राजनीति में ही सक्रिय रहेंगे. ऐसे में उनके लिए उपराज्यपाल बनने का रास्ता खुला हुआ है क्योंकि वह बीजेपी और खास तौर पर पीएम मोदी को लेकर हमलावर नहीं रहते हैं. बीजेपी उन्हें बड़ा पद दे सकती है क्योंकि सैद्धांतिक तौर पर एलजी का पद सीधे पार्टी की राजनीति से प्रभावित नहीं माना जाता है. आजाद कश्मीर के लोकप्रिय नेता हैं और उन्हें सूबे में प्रशासन चलाने का भी अनुभव है.

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