Ghulam Nabi Azad का एक और हमला- कांग्रेस को दुआ की नहीं दवा की ज़रूरत, इलाज कंपाउंडर कर रहे हैं

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 29, 2022, 04:14 PM IST

कांग्रेस पर बरसे गुलाम नबी आजाद

Ghulam Nabi Azad Congress: कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि कांग्रेस इस कदर बीमार है कि उसे दुआ की नहीं दवा की ज़रूरत है लेकिन उसका इलाज कंपाउंडर कर रहे हैं.

डीएनए हिंदी: हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने एक बार फिर से कांग्रेस नेतृत्व और गांधी परिवार पर हमला बोला है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 'बीमार' कांग्रेस (Congress) को दुआ नहीं, दवा की जरूरत है लेकिन उसका इलाज 'कंपाउंडर' कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मिले होने के कांग्रेस के आरोप पर भी उन्होंने पलटवार किया और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का नाम लिए बगैर कहा कि जो संसद में भाषण देने के बाद प्रधानमंत्री से गले मिले, वे मोदी के साथ मिले या नहीं? उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की नींव कमजोर हो गई है और वह कभी भी बिखर सकती है. 

कांग्रेस से इस्तीफा देते समय गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेतृत्व आंतरिक चुनाव के नाम पर धोखा दे रहा है. उन्होंने राहुल गांधी पर अपरिपक्व और बचकाने व्यवहार का आरोप भी लगाया था. कांग्रेस ने पलटवार करते हुए उन पर पार्टी को धोखा देने का आरोप लगाया था और कहा था कि उनका डीनएनए मोदी-मय हो गया है. 

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'कांग्रेस मुक्त भारत बनाने में मोदी की मदद कर रहे कांग्रेसी'
आजाद ने सोमवार को कहा कि 'जी 23' की ओर से अगस्त, 2020 में पत्र लिखे जाने के कारण वह कांग्रेस नेतृत्व और उसके करीबी लोगों की आंखों खटकने लगे. उन्होंने कहा, 'मोदी-वोदी सब बहाना है. इनकी आंखों में हम खटकते हैं क्योंकि हमने पत्र लिखा. इनको लगता है कि इन्हें कोई चुनौती नहीं दे सकता. पत्र लिखने के बाद से मैं इन्हें खटक रहा था.' डीएनए मोदी-मय होने के कांग्रेस के आरोप को लेकर आजाद ने राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, 'नरेंद्र मोदी से वह लोग मिले हुए हैं जो उनका सपना पूरा करने में उनकी मदद कर रहे हैं. नरेंद्र मोदी ने 'कांग्रेस मुक्त भारत' कहा था. इसमें जो लोग उनकी मदद कर रहे हैं वे नरेंद्र मोदी से मिले हुए हैं. जो संसद में भाषण देकर उनसे गले मिलते हैं और कहते हैं हमारा दिल साफ है, वह मिले हैं कि नहीं?' 

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'पहले वह अपने डीएनए की जांच कराएं. वह तो पहले फ्रीलांसर थे. वह बताएं कि पहले किस सरकार के कर्मचारी थे. वह हमारी पार्टी में नहीं थे. पहले वह अपनी जांच कराएं कि उनका डीएनए किस पार्टी का है. सबसे ज्यादा अफसोस की बात यह है कि जो बाहरी हैं, जो चापलूसी करते हैं, उन्हें पद मिले हैं.' 

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'कंपाउंडर कर रहे हैं कांग्रेस का इलाज'
कांग्रेस को बीमार करार देते हुए उन्होंने कहा, 'मैं तो दुआ ही कर सकता हूं. मेरी दुआ से तो कांग्रेस ठीक नहीं हो सकती, उसके लिए दवा चाहिए. उसके लिए जो डॉक्टर हैं वह असल में डॉक्टर नहीं बल्कि कंपाउंडर हैं.' कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव कार्यक्रम के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने कहा, 'जब चुनाव होता है, उसके लिए सदस्यता अभियान होता है. यह पुराने समय से चला आ रहा है. अब क्या हो रहा है कि वोटर लिस्ट से लोगों के नाम लिए जाते हैं और उनके पैसे भर दिए जाते हैं. यह नकली सदस्यता अभियान है.' 

उन्होंने आगे कहा, 'अगर कागज की इमारत बनाओगे तो वह हवा से गिर जाएगी या आग से जल जाएगी. ऐसे चुनाव करने से क्या फायदा होगा, यह सब फर्जी है.' आजाद ने तंज कसते हुए कहा, 'बैंक लुट गया तो महाप्रबंधक बदलने से क्या होगा? कांग्रेस की हालत यह है कि पार्टी के भीतर कांग्रेसजन कोई है नहीं, सब दूसरे दलों में भाग गए हैं.' 

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