Loksabha Chunav 2024 के परिणाम आने में भले ही कुछ वक़्त बचा हो. मगर तमाम Exit Polls से ये साफ़ हो गया है कि BJP के नेतृत्व वाले NDA को 361 से लेकर 401 सीटें मिल रही और नरेंद्र मोदी तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेने वाले हैं. भारत का शुमार दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में है. इसलिए ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत में ही राजनीती के जानकारों द्वारा एग्जिट पोल्स का अवलोकन किया गया है. भारत के पड़ोसी मुल्क China ने भी इसपर पैनी निगाह रखी. चीन में Global Times ने एग्जिट पोल के तहत एक लेख लिखा है जिसमें मोदी सरकार को लेकर कई अहम बातें लिखी गई हैं.
ग्लोबल टाइम्स लिखता है कि अपने तीसरे कार्यकाल में मोदी समग्र घरेलू और विदेश नीतियां पहले की तरह ही बनाए रखेंगे. वह भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने की कोशिश जारी रखेंगे.' ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, 'चीनी एक्सपर्ट्स इस बात के पक्षधर हैं कि, भारत और चीन एक दूसरे के साथ सहयोग करते रहें ताकि दोनों देशों के बीच मतभेद दूर हों और संवाद की स्थिति बनी रहे.
ग्लोबल टाइम्स मानता है कि अगर मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनते हैं तो उनकी विदेश में नीति में किसी तरह का बदलाव आने की उम्मीद नहीं है. वहीं अखबार ने इस पर भी बल दिया कि यदि अगर नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी तीसरी बार पावर में आती है तो वह पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद तीसरी बार सत्ता में बने रहने वाले भारत के दूसरे दूसरे प्रधानमंत्री होंगे.'
नरेंद्र मोदी के विषय में चीनी मुखपत्र से बात करते हुए बीजिंग स्थित Tsinghua University केNational Strategy Institute में निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि चुनाव जीतने के बाद मोदी का ध्यान कुछ सालों में देश को अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने पर होगा.
ग्लोबल टाइम्स के इस आर्टिकल में प्रमुखता से इस बात पर बल दिया गया है कि, भारत के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह चीन के साथ संबंधों के प्रति रणनीतिक दृष्टिकोण बनाए रखे. अखबार में ये भी कहा गया है कि मौजदा राजनीतिक परिदृश्य में जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ वर्तमान में चीन के संबंधों में सुधार आया है.
इसके अलावा भी अपने लेख में ग्लोबल टाइम्स ने तमाम बातें की हैं और माना है कि चीन भारत के साथ संबंधों को सक्रिय रूप से बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है.
चीन ने ये भी माना है कि स्थिर द्विपक्षीय संबंध बनाए रखना दोनों पक्षों के हित में है. अखबार से बात करते हुए चीनी विश्लेषकों ने ये भी कहा है कि अगर भारत प्रधानमंत्री के अगले कार्यकाल में चीन के साथ मिलकर काम कर सकता है, तो इससे दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार का मार्ग प्रशस्त हो सकता है.