Godhra में ट्रेन जलाकर 59 कारसेवकों की हत्या के दोषी को सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत, ये है कारण

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 15, 2022, 04:12 PM IST

Godhra Burning Train: गुजरात दंगे-2002 में अयोध्या से आ रही साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन को गोधरा स्टेशन पर दंगाइयों ने आग लगा दी थी, जिसमें 59 लोग मरे थे.

डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 20 साल पुराने गोधरा कांड (Godhra Riots) मामले के एक दोषी को आज जमानत दे दी है. साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन (Sabarmati Express Train) में आग लगने के कारण 59 कार सेवकों की मौत हुई थी. दोषी पर लोगों को ट्रेन से न उतरने देने के आरोप साबित हुए थे जिसके चलते उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. उसने उम्रकैद की सजा के खिलाफ साल 2018 में अपील की थी. इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (SC) ने कहा कि दोषी फारूक 2004 से जेल में है, वो पिछले 17 साल जेल में रह चुका है. इसलिए उसे जमानत दी जाए. हालांकि सरकार के प्रतिनिधि ने इसका विरोध किया.

दोषी फारूक जलती साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की बोगियों पर पत्थरबाजी कर रहा था जिसके चलते लोग ट्रेन से बाहर नहीं आ पाए. आग में झुलसकर ट्रेन के अंदर 59 कारसेवरों की मौत हो गई थी. उस पर यह सभी आरोप साबित हुए थे. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि 17 साल जेल में रहकर आरोपी ने अपनी सजा लगभग पूरी कर ली है. ऐसे में अब उसे जमानत दे देनी चाहिए. 

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सुप्रीम कोर्ट ने दोषी की जमानत याचिका मंजूर कर ली लेकिन सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह सबसे जघन्य अपराध में से एक था. लोगों को बोगी में बंद करके जिंदा जलाया गया था. सामान्य परिस्थितियों में पत्थरबाजी कम गंभीर अपराध हो सकता है लेकिन यह अलग है. सॉलिसिटर जनरल कोर्ट में सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.

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बता दें कि गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगने के बाद ही गुजरात में सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ था. इसके बाद गुजरात 2002 के दंगे हुए थे. गोधरा कांड के बाद चले मुकदमों में करीब 9 साल बाद 31 लोगों को दोषी ठहराया गया था. 2011 में SIT कोर्ट ने 11 दोषियों को फांसी और 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर भी कुछ गंभीर आरोप लगाए गए थे, हालांकि बाद में उन्हें क्लीनचिट मिल गई थी.

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