डीएनए हिंदी: गुजरात (Gujarat) के गोधरा की निचली न्यायालय ने गोधरा कांड (Godhra Train Burnnig) के आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाई है. इसे पिछले साल गिरफ्तार कर लिया गया था जिसके बाद से इस पर उस गोधरा कांड (Godhra Kand) को लेकर केस चलाया जा रहा था जिसके अब उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. यह आरोपी दंगों के बाद लगभग 19 साल तक फरार था और आराम से अपनी जीवन यापन भी कर रहा था.
गोधरा कांड के इस आरोपी पर चल रहे केस को लेकर विशेष लोक अभियोजक आरसी कोडेकर ने कहा है कि गोधरा में ट्रेन (Godhra Train Burnnig) के डिब्बे में आग लगाने के आरोपी अपराधी रफीक हुसैन भाटुक जो कि पिछले 19 साल से फरार था और पिछले साल गोधरा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था, उसे गोधरा की ही सत्र अदालत यानी निचली अदालत ने सुनवाई के बाद हत्या की साजिश के तहत आजीवन कारावास की सजा दी है. इश फैसले को लेकर पीड़ितों ने खुशी जाहिर की है.
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आपको बता दें कि अदालत ने इस आरोपी को बीस साल पहले गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगाने की साजिश का दोषी माना है. वहीं खास बात यह है कि इस दुर्दांत घटना को अंजाम देने के बाद यह शख्स भाग गया था और 19 साल तक फरार ही रहा था लेकिन पिछले साल इस शख्स को गोधरा से ही गिरफ्तार किया गया था और सुनवाई के बाद अब इस शख्स को इसके किए की सजा देते हुए उम्र कैद का आदेश दिया गया है.
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आपको बता दें कि साल 2002 में अयोध्या से चली साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन जब गोधरा पहुंची थी तो इस दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने एक बोगी में आग लगा थी जिसमें जलकर करीब 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी जिसके बाद 3 दिन तक पूरे गुजरात में भीषण दंगे (Gujarat Riots 2022) हुए थे. वहीं इस मामले में विपक्षी दलों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को गुजरात दंगों का दोषी बताया था.
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हालांकि SIT जांच में मोदी क्लीन चिट पाकर निकले थे. वहीं हाल ही में एसआईटी जांच के ऊपर उठाए गए सवालों को लेकर भी देश की सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) ने याचिकाकर्ताओं को लताड़ लगाई थी और पीएम मोदी (PM Modi) को क्लीन चिट देने वाली एसआईटी जांच की रिपोर्ट को भी क्लीन चिट दे दी थी.
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