Deepfake को लेकर एडवाइजरी जारी, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बताने होंगे IT Rules

रईश खान | Updated:Dec 27, 2023, 12:02 AM IST

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Deepfake Advisory: आईटी मंत्रालय ने अपनी सलाह में कहा है कि आईटी नियमों के तहत ऐसी सामग्री के बारे में उपयोगकर्ताओं को स्पष्ट एवं सटीक ढंग से सूचित किया जाना चाहिए, जिनकी अनुमति नहीं है.

डीएनए हिंदी: डीपफेक पर लगाम लगाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को एक एडवाइजरी जारी की है. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस परामर्श में कहा गया है कि मध्यस्थ के रूप में काम करने वाले डिजिटल और सोशल मीडिया मंच सूचना प्रौद्योगिकी (IT) नियमों के तहत यूजर्स को प्रतिबंधित सामग्री के बारे में सूचित करना जरूरी है. 

बयान में कहा गया कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मौजूदा आईटी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी मध्यस्थ कंपनियों को एक एडवाइजरी जारी की है. यह सलाह आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर द्वारा मध्यस्थों के साथ की गई चर्चा का परिणाम है. ये निर्देश खास तौर पर AI और डीपफेक की मदद से गलत सूचना के प्रसार को लेकर बढ़ती चिंताओं से संबंधित हैं. 

मंत्रालय ने अपनी सलाह में कहा है कि आईटी नियमों के तहत ऐसी सामग्री के बारे में उपयोगकर्ताओं को स्पष्ट एवं सटीक ढंग से सूचित किया जाना चाहिए, जिनकी अनुमति नहीं है. यूजर्स के पहली बार पंजीकरण करने के समय भी इसके बारे में स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए. एडवाजइरी के मुताबिक, डिजिटल मंचों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उपयोगकर्ताओं को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और आईटी अधिनियम, 2000 जैसे दंडात्मक प्रावधानों के बारे में जानकारी दी जाए.

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इसके साथ ऑनलाइन मंचों के उपयोग की सेवा शर्तों और उपयोगकर्ता समझौतों में स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए कि प्रासंगिक भारतीय कानूनों के तहत कानून प्रवर्तन एजेंसियों को कानूनी उल्लंघनों की जानकारी देना मध्यस्थों, मंचों का दायित्व है. ऑनलाइन मंचों का यह दायित्व होगा कि वे उपयोगकर्ताओं को डिजिटल मध्यस्थों पर निषिद्ध सामग्री से संबंधित किसी भी सूचना को होस्ट करने, प्रदर्शित करने, अपलोड करने, संशोधित करने, प्रकाशित करने, प्रसारित करने, संग्रहीत करने, अपडेट करने या साझा करने से रोकने के लिए उचित प्रयास करें.

क्या है Deepfake?
डीपफेक का आशय इंटरटेनट पर उपलब्ध सामग्री में छेड़छाड़ कर उसे गलत ढंग से पेश करना है. इसमें कृत्रिम मेधा के जरिए किसी भी व्यक्ति को गलत ढंग से पेश करने या उसका प्रतिरूपण करने के लिए डिजिटल हेराफेरी की जाती है. हाल ही में कुछ फिल्मी हस्तियों को डीपफेक की मदद से निशाना बनाने की कोशिश की गई थी. इससे फैली सार्वजनिक चिंता को देखते हुए सरकार ने इस संबंध में सलाह जारी की है. (PTI इनपुट के साथ)

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