डीएनए हिंदी: माफिया अतीक अहमद को पिछले एक महीने में दूसरी बार गुजरात से प्रयागराज लाया गया है. दूसरी बार भी यूपी सरकार ने अतीक अहमद (Atique Ahmed) को लाने के लिए सड़क मार्ग ही अपनाया. इसके लिए 37 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. दो पुलिस और दो एस्कॉर्ट कार भी हर बार भेजी जा रही है. इतनी गाड़ियों को साबरमती जेल से लाने और ले जाने में 3 लाख रुपये का तो डीजल ही खर्च हो जा रहा है. इस प्रकार यूपी सरकार अतीक अहमद को लाने और ले जाने के लिए 10 लाख रुपये का खर्च हो रहा है.
साबरमती जेल से प्रयागराज की दूरी लगभग 1275 किलोमीटर की है. अतीक अहमद को लाने के लिए कुल चार गाड़ियां और 37 पुलिसकर्मी भेजे जाते हैं. इन चार गाड़ियों में हर एक में लगभग 255 लीटर डीजल डलवाना पड़ता है. यानी एक गाड़ी का एक तरफ का खर्च 25 हजार रुपये का है. एक राउंड में चार गाड़ियां पहले जाती हैं, फिर अतीक को लेकर आती हैं, फिर सुनवाई के बाद साबरमती जेल जाती हैं और फिर लौटकर यूपी आती हैं. इस तरह से 3 लाख से ज्यादा रुपये सिर्फ डीजल पर खर्च हो जाते हैं.
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पुलिसकर्मियों की पूरी फौज जाती है साथ
अतीक अहमद को इतनी दूरी से लाने के लिए 37 पुलिसकर्मी भेजे जाते हैं. इसमें एक सीओ, एक इन्स्पेक्टर, दो सब इन्स्पेक्टर, 6 ड्राइवर, 4 हेड कॉन्स्टेबल औ 23 कॉन्स्टेबल लगाए जाते हैं. अतीक को लाने और ले जाने के लिए इतने पुलिसकर्मियों का वेतन लगभग 6 लाख रुपये खर्च होते हैं. यही वजह है कि सवाल उठ रहा है कि आखिर यूपी सरकार इतना पैसा क्यों खर्च कर रही है.
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वहीं, इस पर अतीक अहमद का कहना है कि उसे मारने की साजिश हो रही है. मीडिया से बातचीत में अतीक अहमद ने कहा, 'मेरा पूरा परिवार बर्बाद हो गया. माफियागीरी तो कब की खत्म हो गए, अब तो सिर्फ रगड़ा जा रहा है. अतीक अहमद ने कहा है कि वह चाहता है कि उसके परिवार के लोगों को परेशान न किया जाए.'
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