डीएनए हिंदी: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को आरोप लगाया कि बीजेपी से जुड़े लोगों ने आम जनता को दिवाली पर आतिशबाजी के लिए उकसाया, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) रातोंरात खतरे से ऊपर पहुंच गया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में आतिशबाजी के लिए पटाखे उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लाए गये थे और इन राज्यों की पुलिस सहित कुछ लोगों ने पटाखों को राजधानी में ले जाने की अनुमति दी. पर्यावरण मंत्री ने साथ ही यह भी कहा कि दिल्ली में ग्रिड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान-4 (GRAP-4) आगे भी जारी रहेगा.
गोपाल राय ने कहा, ‘अगर यूपी-हरियाणा ने पटाखों पर प्रतिबंध लागू किया होता और उनकी पुलिस ने भी अपना कर्तव्य सही से निभाया होता तो दिल्ली में प्रदूषण नहीं बढ़ता. उन्होंने कहा कि केंद्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना के GRAP-4 के तहत दिल्ली में निर्माण कार्य और प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध सहित उठाये गए कड़े कदम अगले आदेश तक लागू रहेंगे. राय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने धूल प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए अपने अभियान को 30 नवंबर तक बढ़ाने और 14 नवंबर से खुले में कचरा जलाने के खिलाफ एक महीने का अभियान शुरू करने का फैसला किया है.
Odd-Even योजना अभी फैसला नहीं
केजरीवाल के मंत्री ने बताया कि मौसम से जुड़ी स्थिति के बिगड़ने का पूर्वानुमान जताने वाले विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर ये कदम उठाए गए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अगले 3 से 4 दिनों में प्रदूषक हवा में फैल सकते हैं. राय ने यह भी कहा कि Odd-Even योजना के कार्यान्वयन पर तभी निर्णय लिया जाएगा जब हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर से ऊपर’ श्रेणी (एक्यूआई 450 से ऊपर) तक पहुंच जाएगी.
दिल्ली में सोमवार को प्रदूषण स्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई. दिवाली की रात प्रतिबंध के बावजूद जमकर आतिशबाजी हुई. राय ने कहा कि भाजपा से जुड़े लोगों ने आम जनता को आतिशबाजी के लिए उकसाया, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ गया. दिल्ली का एक्यूआई रातोंरात 100 अंक से अधिक बढ़ गया. पिछले 3 साल की तरह दिल्ली सरकार ने सितंबर में शहर में पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध की घोषणा की थी. शहर में रविवार को दिवाली के दिन 8 वर्षों में सबसे बेहतर वायु गुणवत्ता दर्ज किया गया था. इस दौरान 24 घंटे का औसत वायु एक्यूआई रविवार शाम 4 बजे 218 दर्ज किया गया था.
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आतिशबाजी से बढ़ा प्रदूषण
लेकिन देर रात तक फोड़े गए पटाखों से प्रदूषण के स्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो गई. सोमवार सुबह 7 बजे जहां एक्यूआई 275 (खराब श्रेणी) पर था दोपहर 12 बजे यह 322 पर पहुंच गया. आयानगर (382), केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के समीप (393) और पूसा (391) सहित कुछ क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी (एक्यूआई 400 और 450 के बीच) के करीब पहुंच गया. इन क्षेत्रों में पीएम 2.5 (सूक्ष्म कण जो सांस लेने पर श्वसन तंत्र में प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं) की सांद्रता 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से 7 से 8 गुना अधिक रही. आतिशबाजी से राजधानी के ओखला और जहांगीरपुरी सहित कई स्थानों पर सुबह के समय पीएम 2.5 की सांद्रता 1,000 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक रही. (PTI इनपुट के साथ)
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