डीएनए हिंदी: हम सभी ने यह सुना है कि मन के हारे हार है और मन के जीते जीत. कुछ लोग अगर कुछ करने की ठान लेते हैं तो उसे पूरा करके ही दम लेते हैं. ग्रेटर नोएडा की रहने वाली 21 वर्षीय छात्रा काव्यांशी ने ऐसा ही कुछ कर दिखाया. 800 किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर छह दिन में महाकाल मंदिर पहुंची. उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंची काव्यांशी ने लोगों को एक संदेश भी दिया.
प्रदूषण के समस्या भारत में गंभीर ही होती जा रही है. कुछ लोग ऐसे हैं, जिनको इन बातों से कोई फर्क ही नहीं पड़ता. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो पर्यावरण के प्रति बेहद जागरूक हैं. ऐसे ही कुछ जागरूकता काव्यांशी ने भी दिखाई है. पर्यावरण बचाने व प्रदूषण रोकने के उद्देश्य से साइकिल यात्रा पर निकली हैं.
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इतने दिन में साइकिल से उज्जैन पहुंची काव्यांशी
काव्यांशी ने 3 जून को विश्व साइकिल दिवस पर अपनी यात्रा की शुरूआत की. काव्यांशी नोएडा से 800 किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर छह दिन में महाकाल मंदिर पहुंची. उन्होंने अपनी यात्रा को लेकर कहा कि वह प्रतिदिन 150 किमी साइकिल चलाती थीं. काव्यांशी ने बताया कि वह बाबा महाकाल की भक्त हैं. इस वजह से उन्होंने इस यात्रा को करने के लिए महाकाल मंदिर को चुना.
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साइकिल यात्रा के दौरान हाईवे पर लगाए पौधे
काव्यांशी तेवतिया ने बताया कि उज्जैन पहुंचने के बाद उन्होंने महकाल मंदिर में दर्शन किया. उन्होंने महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पहुंचकर बाबा महाकाल का जल एवं दूध से अभिषेक किया. इसके साथ उन्होंने नंदीहाल में बैठकर शिव आराधना की. काव्यांशी ने बताया कि अपनी साइकिल यात्रा के दौरान उन्होंने हाईवे पर करीब 51 पौधे लगाए हैं. काव्यांशी की इस यात्रा का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के लिए जागरूक करना है.
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