गुजरात में AAP को कमजोर नहीं समझ रही BJP, केजरीवाल फैक्टर के खिलाफ प्लान तैयार! जानिए सबकुछ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल.
गुजरात में साल 1995 से ही बीजेपी की सरकार है. गुजरात पीएम मोदी और अमित शाह का गृह प्रदेश भी है. AAP की एंट्री के बाद BJP सधी राजनीति कर रही है.
डीएनए हिंदी: आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) गुजरात में जमीन तैयार करने की कोशिशों में जुटे हैं. AAP सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मुश्किलें बढ़ाने के लिए दिल्ली और पंजाब मॉडल लेकर आए हैं. भले ही गुजरात बीजेपी का गढ़ बन चुका है लेकिन टीम केजरीवाल उसमें सेंध लगाने की कोशिशों में जुट गई है.
आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली और पंजाब विजय से इतनी उत्साहित है कि इसे हिमाचल प्रदेश और गुजरात में अपनी अगली मंजिल नजर आ रही है. आम आदमी पार्टी ने गुजरात विधान सभा चुनाव को लेकर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
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AAP चीफ अरविंद केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ लगातार राज्य का दौरा कर दिल्ली पैटर्न पर चुनावी वायदे कर रहे हैं. अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में अपने सबसे करीबी राज्य सभा सांसद राघव चड्ढा को गुजरात का सह प्रभारी बनाकर यह साफ कर दिया है कि उनकी नजर पूरे राज्य पर है.
AAP के खिलाफ क्या है BJP का काउंटर प्लान?
गुजरात में 1995 से लगातार चुनाव जीत रही है. बीजेपी ने भी राज्य विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य गुजरात बीजेपी का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है. भारतीय जनता पार्टी किसी भी कीमत पर राज्य को लेकर किसी भी स्तर पर कोई कमी नहीं बरतनी चाहती है.
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क्या उत्तराखंड, गोवा और यूपी जैसा होगा AAP का हाल?
भारतीय जनता पार्टी के नेता अब यह दावा कर रहे हैं कि AAP का विजय रथ दिल्ली और पंजाब से बाहर नहीं जा सकता है. गुजरात की जनता को अरविंद केजरीवाल पर भरोसा नहीं है. उनके पास ऐसा मॉडल भी नहीं है जिससे गुजरात की जनता वाकिफ न हो. ऐसे में गुजरात में भी आम आदमी पार्टी का वही हश्र होने जा रहा है जैसा उत्तराखंड और गोवा विधान सभा चुनाव में हुआ था.
बीजेपी नहीं कांग्रेस के लिए खतरा बन सकती है AAP
अरविंद केजरीवाल बीजेपी के लिए कोई चुनौती नहीं पेश कर पा रहे हैं. कहा जा रहा है कि गुजरात सरका के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर इतनी भी नहीं बढ़ी है कि सरकार बदल जाए. राज्य और केंद्र में बीजेपी की सरकार है. ऐसे में लोग डबल इंजन की सरकार को छोड़कर किसी तीसरे दल को नहीं चुनेंगे.
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यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस के कमजोर होने की वजह से अरविंद केजरीवाल गुजरात में सेंध जरूर लगा सकते हैं. वह कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं. AAP फिलहाल बीजेपी के लिए कोई चुनौती नहीं है.
अपनी जीत को लेकर बेहद आश्वस्त है बीजेपी
बीजेपी का यह मानना है कि भारी बहुमत के साथ एक बार फिर गुजरात में बीजेपी सरकार बनने जा रही है लेकिन कांग्रेस की कमजोरी का फायदा उठाकर आम आदमी पार्टी गुजरात में घुस सकती है.
किस प्लान पर गुजरात में आगे बढ़ रहे हैं केजरीवाल?
गुजरात विधान सभा चुनाव की सुगबुगाहट से काफी पहले ही बीजेपी ने शराब घोटाले को लेकर अरविंद केजरीवाल को घेरना शुरू कर दिया था. हाल के दिनों में बीजेपी ने इस घेरेबंदी को काफी तेज कर दिया है. केजरीवाल भ्रष्टाचार के खिलाफ चले अन्ना आंदोलन की उपज है जो आरटीआई के लिए भी मशहूर रहे हैं.
अपने आपको बजरंग बली का भक्त बताने वाले केजरीवाल अब श्रीकृष्ण की बात कर गुजरात में एक हिंदू नेता के तौर पर अपनी छवि बनाने की कोशिश कर रहे हैं और इसके साथ ही दिल्ली पैटर्न पर मुफ्त बिजली सहित अन्य कई वायदे भी कर रहे हैं. अरविंद केजरीवाल की इस रणनीति की काट के तौर पर बीजेपी ने भी केजरीवाल की घेरेबंदी तेज कर दी है.
क्या है बीजेपी का AAP के खिलाफ काउंटर प्लान?
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आम आदमी पार्टी के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया को बुरी तरह घेरा है. उनकी अध्यक्षता पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और उनकी माता को कथित तौर पर अपशब्द कहे थे. बीजेपी ने इसके लिए सीधे अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार बताया है. गुरुवार को बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने केजरीवाल के एक वीडियो को शेयर करते हुए उन पर सरदार वल्लभ भाई पटेल का अपमान करने का आरोप लगाया.
राजेंद्र पाल गौतम के हिंदू विरोधी शपथ पर घिरी AAP
राजेंद्र पाल गौतम का वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी केजरीवाल पर हिंदुओं की भावना को आहत करने का आरोप लगाते हुए उनसे माफी मांगने की मांग कर चुकी है. वहीं केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहूरकर ने दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना को लिखे गए पत्र का हवाला दिया है. उन्होंने कहा है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली सरकार के भ्रष्ट मंत्रियों का सरगना हैं. आरोप ये भी हैं कि उनके इशारे पर ही दिल्ली के मंत्री कठपुतलियों की तरह भ्रष्टाचार कर रहे हैं.
भ्रष्टाचार के आरोपों पर घिरी है AAP
BJP जहां शराब, शिक्षा और परिवहन घोटाले समेत दिल्ली सरकार के कई महत्वपूर्ण विभागों में भ्रष्टाचार के लिए सीधे अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार बता रही है तो वहीं दूसरी तरफ बिजली घोटाले का आरोप लगाकर मुफ्त बिजली के उनके दावे की भी पोल खोलने की कोशिश कर रही है.
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बीजेपी की कोशिश बिल्कुल स्पष्ट है कि जिन मुद्दों और जिस छवि के सहारे केजरीवाल गुजरात की जनता को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं उन्ही मुद्दों और उसी छवि को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री पर लगातार निशाना साध कर गुजरात की जनता को सच बताने का प्रयास किया जाए.
गुजरात में कितनी मजबूत है BJP?
गुजरात में साल 1995 से लेकर 1998, 2002, 2007 और 2012 तक लगातार 5 विधान सभा चुनावों में प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज करती रही है. राज्य की कुल 182 विधान सभा सीटों में से 115 से लेकर 127 सीटें हासिल होती रहीं. जब साल 2014 में पहली बार नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय राजनीति में आए और प्रधानमंत्री बने तो स्थितियां अलग हो गईं. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सरकार तो बना ली लेकिन सीटें 100 से भी नीचे पहुंच गई.
घटती सीटों की संख्या बीजेपी के लिए खतरा तो नहीं?
सीटों के आंकड़े कुछ इसी दिशा में जाते नजर आ रहे हैं. साल 2017 में 49 प्रतिशत के लगभग वोट हासिल कर बीजेपी 99 सीटों पर जीती थी वहीं 41.4 प्रतिशत मत के सहारे कांग्रेस के खाते में 77 सीटें आई थी. शायद यही वजह है कि बीजेपी इस बार राज्य को लेकर कोई जोखिम लेने को तैयार नहीं है और जोर-शोर से अपनी तैयारी कर रही है.
गुजरात में बीजेपी ने कितनी सीटों का रखा है लक्ष्य?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के सहारे बीजेपी ने इस बार 150 से ज्यादा सीटें जीतकर भारी बहुमत के साथ सरकार बनाने का लक्ष्य तय किया है. लक्ष्य बड़ा है इसलिए बड़े स्तर पर चुनावी तैयारियां की जा रही है. यही वजह है कि गुजरात विधान सभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने खुद मोर्चा संभाल लिया है. एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा लगातार राज्य का दौरा कर रैलियां और रोड शो कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री, पार्टी अध्यक्ष, कोर ग्रुप नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुनावी तैयारियों को अंजाम भी दे रहे हैं.
युद्ध स्तर पर तैयार हो रही है गुजरात विजय की रणनीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चाहते हैं कि गुजरात में प्रचंड बहुमत मिले. गुजरात के नतीजों का असर 2024 में होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी पड़ना तय है. समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक शुक्रवार को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद देर रात तक अपने आधिकारिक आवास पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ चर्चा की. चुनावी बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल भी मौजूद रहे. पीएम मोदी ने इस मैराथन बैठक में चुनाव की रणनीति, कार्यक्रम, एजेंडे और योजना पर विस्तार से चर्चा की. अब देखने वाली बात यह होगी कि बीजेपी की मजबूत पकड़ वाले राज्य में अरविंद केजरीवाल कितना कामयाब हो पाते हैं.
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