डीएनए हिंदी: गुजरात विधानसभा चुनावों (Gujarat Election 2022) में युवा एक अहम फैक्टर होने जाने जा रहे हैं. युवाओं के पास महंगाई, रोजगार से लेकर शिक्षा तक के तमाम ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर वे चाहते हैं कि सरकार ध्यान दे. इन मुद्दों को लेकर युवा (Youth Voter) बेहद मुखर हैं और चाहते हैं कि राज्य में बदलाव हो. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के गढ़ गुजरात में नरेंद्र मोदी को लेकर युवाओं में क्रेज है लेकिन इस बार से असमंजस में हैं कि किसके साथ जाएं. एक के बाद एक किए गए चुनावी वादों पर या सत्तारूढ़ पार्टी पर.
गुजरात में करीब 11,74,000 ऐसे वोटर हैं जो पहली बार वोट डालने जा रहे हैं. यह आंकड़ा 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान 11,08,000 था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को युवा पसंद करते रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी यह भी कह चुके हैं कि गुजरात के भविष्य के निर्माता आप हैं, आप इसके भविष्य को किसी भी दिशा में ले जा सकते हैं.
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क्या चाहते हैं गुजरात के युवा?
गुजरात के युवाओं की मांग है कि शिक्षा प्रणाली में सुधार हो. रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा मिले और सरकार स्किल डेवलेपमेंट पर काम करे. युवाओं की दूसरी मांग है कि सरकार स्किल को बढ़ावा देने पर जोर दे, नए रोजगार का सृजन करे जिससे बेरोजगार आबादी को काम मिले. स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों की फीस में हो रही बेतहाशा वृद्धि से भी युवा परेशान हैं. युवा चाहते हैं कि बढ़ती महंगाई रुके. उच्च शिक्षा हर तबके के लोग हासिल कर लें. सरकार स्कॉलरशिप योजना का दायरा बढ़ाए.
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किस पार्टी के साथ हैं युवा?
गुजरात के युवा किसके साथ हैं, अभी यह कहना मुश्किल है. नरेंद्र मोदी को पसंद करने वाले युवाओं की ताददाद ज्यादा है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक आम आदमी पार्टी (AAP) को भी पसंद करने वाले युवाओं की एक बड़ी तादाद है लेकिन उनका कहना है कि यह गुजरात से बाहर की पार्टी है, ऐसे में इस पर भरोसा करना मुश्किल होगा. कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीथी टक्कर है. AAP तीसरी पार्टी बनने की कोशिश कर रही है लेकिन राह मुश्किल है.
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कुछ युवाओं ने कहा है कि वे दिल्ली के एजुकेशन और हेल्थ मॉडल को पसंद करते हैं लेकिन अरविंद केजरीवाल पर पूरी तरह से भरोसा कर पाना बेहद मुश्किल है. कांग्रेस और बीजेपी के बीच युवाओं में भ्रम है. युवाओं के बीच एक मांग बेहद आम है कि सरकार किसी की भी बने, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य पर काम हो. 11,74,000 नए वोटरों को उम्मीद है कि जो भी सरकार आएगी, वह उनकी मांगों को पूरा करेगी.
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