Gujarat Elections 2022: गुजरात में BJP की टीम B बने असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस को दिया तगड़ा झटका, AAP ने भी बिगाड़ा गेम

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 09, 2022, 10:13 AM IST

राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और असदुद्दीन ओवैसी. (फाइल फोटो)

गुजरात में AAP और AIMIM, दोनों पार्टियों ने कांग्रेस के मुस्लिम वोट बैंक को डैमेज किया था. यह समुदाय कांग्रेस का कोर वोटर माना जाता था.

डीएनए हिंदी: गुजरात (Gujarat) विधानसभा चुनावों में कांग्रेस (Congress) का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है. जिस पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए साल 2017 के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में मुश्किलें खड़ी कर दी थीं, 77 सीटों पर चुनाव जीतने में कामयाब हुई थी, वही पार्टी महज 17 सीटों पर सिमट गई. कांग्रेस की 60 सीटें कम हो गईं. कांग्रेस की दरकती सियासी जमीन के पीछे दो पार्टियों का बड़ा हाथ है. दोनों पार्टियों ने कांग्रेस के कोर वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाबी हासिल की है. आम आदमी पार्टी (AAP) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने कांग्रेस को ऐसी चोट दी है जिससे पार्टी को उबरने में वक्त लगेगा.

अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की एक्टिव कैंपेनिंग ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया. AAP और AIMIM ने गुजरात विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यकों के वोट में सेंध लगाते हुए राज्य की कई सीटों पर कांग्रेस के मतों के अंतर को काफी कम कर दिया. अल्पसंख्यक, मुख्य रूप से मुस्लिम पिछले कई दशकों से खासकर 2002 के गोधरा दंगों के बाद से कांग्रेस के वफादार वोटर रहे हैं.

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बीजेपी का जाति नहीं, हिंदू वोट बैंक पर रहा जोर

गुजरात में विधानसभा चुनाव एक और पांच दिसंबर को हुए थे और मतगणना आठ दिसंबर को हुई. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी ने 2002 के दंगों के बाद ज्यादातर मौकों पर जातियों से परे हिंदुओं के एकजुट वोट पर ध्यान केंद्रित कर चुनावी गणना की है. कांग्रेस से यहां भी चूक हुई है. कांग्रेस जातियों को साधने की कोशिश में फेल हुई है. कांग्रेस पाटीदारों और ओबीसी वोटरों को भी लुभाना चाहती थी. दलितों को भी साधने की कोशिश कांग्रेस पर भारी पड़ी. 

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फेल हो गया कांग्रेस का KHAM फॉर्मूला

जानकारों का कहना है कि कांग्रेस कभी राज्य में जीत का फॉर्मूला रही सोशल इंजीनियरिंग की रणनीति पर हमेशा जोर देती रही है. कांग्रेस ने फिर KHAM फॉर्मूले पर काम करने की कोशिश की. इस फॉर्मूले में 4 समुदाय आते हैं. क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम.इस बार यह समीकरण बेहद उल्टा पड़ गया. समुदायों में सेंध लगी और पूरी बाजी पलट गई. बीजेपी की जीत तो प्रत्याशित थी लेकिन कांग्रेस की इतनी बुरी हार नहीं.

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60 सीटों पर AAP और AIMIM ने बिगाड़ा कांग्रेस का खेल

सूबे में AIMIM और AAP की एंट्री ने कांग्रेस के समीकरण को उलट दिया. कांग्रेस, जिस अल्पसंख्यक वोटों के भरोसे राज्य में मजबूत स्थिति में रहती थी, उन्हीं सीटों पर कमजोर होती चली गई. AAP और AIMIM ने कुल 60 सीटों पर कांग्रेस के सियासी समीकरण को नुकसान पहुंचाया है. दोनों पार्टियों की एंट्री से बीजेपी को बड़ा फायदा पहुंचा और 156 सीटों पर जीत मिल गई. बीजेपी ने गुजरात चुनावों में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा था. AIIM का जहां गुजरात में खाता नहीं खुला, वहीं AAP ने 5 सीटें हथिया लीं. 4 निर्दलीय और दूसरी पार्टी के उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल की है.

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