डीएनए हिंदी: कांग्रेस से जी-23 (Congress G-23) तो खत्म हो गया, सभी नेताओं की नाराजगी भी अध्यक्ष चुनाव के बाद फिलहाल शांत है लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के बीच जी-23 द्वारा जिसे बलि का बकरा बनाया गया, उसकी पार्टी आलाकमान द्वारा लगातार अनदेखी की जा रही है. यह माना जा रहा है कि गांधी परिवार से बगावत ही नेता की अनदेखी की अहम वजह है. यह नेता कोई और नहीं बल्कि तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) हैं जिन्हें पार्टी आलाकमान ने पूरी तरह साइडलाइन कर दिया है.
दरअसल, केंद्र सरकार के खिलाफ महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर सड़क पर संघर्ष कर रही कांग्रेस पार्टी के अंदर एक बार फिर से अंदरूनी कलह के संकेट मिल रहे हैं. वरिष्ठ नेता शशि थरूर पार्टी आलाकमान के निशाने पर हैं. कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat election 2022) के दूसरे चरण के लिए शनिवार को अपने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं लेकिन एक नाम जो नदारद है वो दिग्गज नेता शशि थरूर हैं.
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क्या थरूर को मिल रही है सजा
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ चुके थरूर ने पिछले दिनों गुजरात में प्रचार अभियान के एक कार्यक्रम में शामिल होने के भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के न्यौते को यह कहते हुए ठुकरा दिया था कि उनका नाम पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में नहीं है. वहीं राजनीतिक जानकारों का कहना है कि थरूर को गांधी परिवार के पसंदीदा कैंडिडेट मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की सजा मिल रही है.
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आक्रामक था थरूर का रवैया
अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान थरूर के काफी तीखे तेवर देखे गए थे. थरूर की टीम ने चुनावी प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए थे. इसको लेकर पार्टी के कई नेताओं ने थरूर की घेराबंदी भी की थी. पिछले प्रकरण को देखते हुए कयास लगाया जा रहा है कि थरूर के पार्टी के प्रति सख्त रवैये को देखते हुए ही गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार से उन्हें दूर किया जा रहा है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि अब पार्टी किसी भी कीमत पर थरूर का राजनीतिक कद कम करना चाहती है जिससे वे आंतरिक तौर पर पार्टी के लिए कलह का कारण न बनें.
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