Gujarat Election: दिल्ली और पंजाब के चुनावी फॉर्मूले पर गुजरात में काम कर रही AAP, बीजेपी के लिए है मुश्किल चुनौती

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 29, 2022, 03:43 PM IST

Gujarat Election को लेकर अरविंद केजरीवाल पूरी ताकत झोंक रहे हैं और वे पंजाब समेत दिल्ली का फॉर्मूला अपना रहे हैं.

डीएनए हिंदी: गुजरात विधानसभा (Gujarat Election) चुनावों का ऐलान कुछ दिनों में ही होने वाला है. ऐसे में बीजेपी (BJP) के लिए चुनावी तौर पर इस बार आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) सबसे बड़ी चुनौती है. अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने गुजरात में दिल्ली के विकास का मॉडल पेश कर रहे हैं जिसमें मुफ्त की चीजें बड़ा हथियार बन रही हैं. चुनावी लिहाज से देखें तो पंजाब और दिल्ली की तरह ही आम आदमी पार्टी गुजरात में खास फॉर्मूला अपना रही है.

आम आदम पार्टी की बात करें तो 2013 में बनी पार्टी दिल्ली में पहली बार जिस तरह से 2015 ने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी, कुछ वैसा ही फॉर्मूला पार्टी ने पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनावों में किया था. पंजाब और दिल्ली का वही फॉर्मूला अब आप  गुजरात में अपना रही है जिसमें अहम बात यह है कि पार्टी स्थानीय नेता के चेहरे पर चुनाव लड़ने की बात कहती रही है. आप ने गुजरात में स्पष्ट ऐलान किया है कि गुजरात विधानसभा चुनावों में पार्टी स्थानीय नेता को ही आगे रखेगी जिसे राज्य में सत्ता सौंपी जाएगी. 

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सीएम का स्थानीय चेहरा

गौरतलब है कि पंजाब में पार्टी ने साल 2017 में मुख्यमंत्री का नाम घोषित नहीं किया था जबकि 2022 में पार्टी ने यह गलती नहीं दोहराई. पंजाब में मिस कॉल कैंपेन चलाकर अरविंद केजरीवाल ने भगवंत मान को सीएम पद का दावेदार घोषित किया. पंजाब में 2017 वाली गलती अब गुजरात में आप नहीं करना चाहती है और इसीलिए पार्टी ने स्थानीय नेता के सीएम होने की बात कह दी है.

प्रत्याशियों का जल्दी ऐलान

इसी तरह उम्मीदवारों की सूची भी अहम है क्योंकि यह देखा गया है कि आम आदमी पार्टी जहां चुनाव लड़ती है, वहां उम्मीदवारों के  नाम काफी पहले घोषित कर देती है. इसी के तहत विधानसभा चुनाव की अधिसूचना के पहले ही पार्टी ने अपने 86 से ज्यादा उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है जिससे पार्टी के उम्मीदवारों का नाम जनता के बीच पूरी तरह से चला जाए.

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बीजेपी के सामने कमजोर है सीएम पद

इसी तरह दिल्ली और पंजाब में जैसे मुफ्त बिजली और शिक्षा की बातों का ऐलान किया गया था और वही मॉडल लेकर केजरीवाल गुजरात में भी लेकर घूम रहे हैं. इतना ही नहीं, भाजपा यहां 27 साल से हैं. इसके बावजूद बीजेपी  के पास अपना कोई विश्वसनीय मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं है और बीजेपी को इसी मुद्दे पर गुजरात में कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इसका नतीजा यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रियता अमित शाह के दौरे गुजरात में बढ़ रहे हैं.

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