Gujarat Election: महात्मा गांधी के आश्रम में किसी ने नहीं किया कांग्रेस का जिक्र, AAP-BJP में दिखी टक्कर

Written By कुमार साहिल | Updated: Oct 19, 2022, 02:10 PM IST

Gujarat Election में अब बीजेपी के अलावा लोग आम आदमी की बात भी करने लगे हैं लेकिन कांग्रेस से लोगों की नाराजगी दिख रही है.

डीएनए हिंदी: गुजरात चुनाव (Gujarat Election) की रणभेरी बज चुकी है. ऐसे में बीजेपी विनिंग सिक्सर को लेकर जबरदस्त नेट प्रैक्टिस कर रही है जबकि आम आदमी पार्टी गुजरात में सेंधमारी को लेकर एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. सालों साल गुजरात में राज करने वाली कांग्रेस पर्दे के पीछे कहीं खोती दिख रही है. ऐसे में साबरमती आश्रम में गुजरात की राजनीति का मिला-जुला स्वरूप देखने को मिला है लेकिन यहां कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी और आम आदमी पार्टी की चर्चा हो रही है. 

गुजरात चुनाव को लेकर साबरमती आश्रम में लोगों में काफी उत्सुकता दिखी है. यहां महिलाएं किसी से नहीं मिलती हैं. वहीं लोग कहते हैं बापू अप्रासंगिक हो चुके हैं लेकिन सही मायने में अब बापू का दौर शुरू हो रहा है. लोग लौटकर बापू के अहिंसक नीतियों पर आ रहे हैं, जबकि ताकतवर लोग मजबूरन अहिंसा फॉलो कर रहे हैं और सभी को पता है कि दुनिया में अगर शांति स्थापित नहीं हुई तो ये दुनिया ताकतवर लोगों के लिए भी सुरक्षित नहीं रह पाएगी. दांडी वहीं क्षेत्र है जहां महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ नमक बनाकर उनका कानून तोड़ा था, उन्होंने खुलेआम ये ऐलान किया था कि नमक पर हम टैक्स नहीं देंगे और इसके लिए गांधी ने दांडी मार्च भी किया था.

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बीजेपी पर भरोसा बरकरार 

वहीं चुनावी साल में एक चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि करीब तीन दशक बाद भी गुजरात में बीजेपी को लेकर आशावादी सोच है. करीब 70 साल के एकबुजुर्ग ने बताया कि वे बीजेपी के काम-काज से संतुष्ट हैं, बीजेपी काम कर रही है और जनता का भरोसा उन्हें मिलेगा.

आम आदमी पार्टी की सेंधमारी 

वहीं महिलाओं ने बीजेपी की तारीफ करते हुए कहा देखिए बीजेपी तो ठीक है लेकिन हम लोगों को दिल्ली जैसा स्कूल और अस्पताल चाहिए. हम लोग बदलते वक्त में इतनी महंगी शिक्षा नहीं वहन कर सकते है. स्वास्थ्य की सुविधाएं दिल्ली जैसी होनी चाहिए. वहीं एक बड़ी संख्या ऐसी भी है जो कि यह मान रही है कि बीजेपी से ज्यादा यहां आम आदमी की बात हो रही है. 

कांग्रेस को लेकर दिखी निराशा

पिछले चुनाव में 77 के आंकड़े तक पहुंचने के बाद भी कांग्रेस के विधायकों का पाला बदलने का असर भी दिखा है. लोगों ने पुरानी पार्टी पर भरोसा नहीं दिखाया है. लोगों ने कहा जब जीतकर दूसरे दल में ही जाना है तो इन्हें वोट देने की जरूरत है? साथ ही गांधी के आश्रम में काम करने वाली महिलाओं ने भी कहा इनका चांस नहीं है, उनसे पूछा गया कि जिस आश्रम में आप हैं उनकी पार्टी का ये हाल है तो उन्होंने कहा ये बात पुरानी हो गई और पल्ला झाड़ दिया.

मुफ्त बिजली और सियासी चर्चा 

चुनाव की गर्मी जैसे-जैसे बढ़ रही है वैसे वैसे बीजेपी के अलावा आम आदमी पार्टी का जिक्र भी बढ़ रहा है. बातें बीजेपी से शुरू हुई लेकिन जब बिजली मुफ्त और शिक्षा पर बात हुई तो लोगों ने कतराते-कतराते आम आदमी पार्टी का नाम लेना शुरू कर दिया जबकि कुछ लोगों ने ये भी कहा कि मुफ्त कुछ भी नहीं होता कोई मुफ्त क्यों देगा और कहां से देगा, मुफ्त लेने वालों को उसे भी भुगतान करना होगा. 

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दिलचस्प होगा यह चुनाव 

दांडी और साबरमती में चुनावी विमर्श यह दर्शाता है कि अजेय बीजेपी को टक्कर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस नहीं दे रही है बल्कि गुजरात में नई नवेली पार्टी आम आदमी सेंधमारी की तैयारी कर रही है. भारत जोड़ो यात्रा में चुनावी राज्य गुजरात नहीं है और इसका कांग्रेस को नुकसान होता दिख रहा है. वहीं बीजेपी गुजरात गौरव यात्रा निकाल रही है. यह देखा दिलचस्प होगा कि आखिर यह चुनावी रण कौन अपने नाम करता है.

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