गुजरात: PMJAY के तहत बिल बढ़ाने के लिए अस्पताल ने जबरन की 7 लोगों की एंजियोप्लास्टी, 2 की मौत

Written By रईश खान | Updated: Nov 12, 2024, 08:10 PM IST

सांकेतिक तस्वीर

Gujarat News: गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने बताया कि शिविर के बाद अस्पताल 19 ग्रामीणों को यह कहकर अपने यहां लाया गया कि उन्हें एंजियोग्राफी करानी होगी.

गुजरात के अहमदाबाद में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत एक प्राइवेट अस्पताल ने 19 लोगों की जबरन एंजोयोप्लास्टी कर दी. इसमें 2 मरीजों की मौत हो गई. भूपेंद्र पटेल सरकार ने मंगलावर को जांच के आदेश दिए हैं. मृतकों के रिश्तेदारों का आरोप है कि अस्पताल ने सभी को अंधेरे में रखा और आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के तहत चिकित्सा बिल बढ़ाने के लिए जल्दबाजी में एंजोयोप्लास्टी की.

मोदी सरकार पीएमजेएवाई के तहत जरूरतमंद लोगों के लिए प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराती है. जानकारी के मुताबिक, 59 साल के नागरभाई सेनमा और 45 साल के महेश बारोट की अहमदाबाद के बोदकदेव इलाके में स्थित ख्याति मल्टीस्पेशियल्टी अस्पताल में एंजियोप्लास्टी के साथ-साथ स्टेंट लगाने की प्रक्रिया के तुरंत बाद मौत हो गई.

गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने कहा, ‘ख्याति अस्पताल में घटी कथित घटना बहुत गंभीर है. मैंने PMJAY की राज्य धोखाधड़ी विरोधी इकाई (एसएएफयू) से मामले की तत्काल जांच कराने का आदेश दिया है. अगर डॉक्टरों पर लगे लापरवाही के आरोपों और सबूतों में कोई भी सच्चाई है, तो संबंधित चिकित्सकों और अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’ 

एंजियोग्राफी के लाए गए थे 19 मरीज
अधिकारियों की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि अस्पताल ने रविवार को गुजरात के मेहसाणा जिले के कादी तालुका के बोरिसाना गांव में एक फ्री मेडिकल चेकअप कैंप का आयोजन किया था. पटेल ने बताया कि शिविर के बाद अस्पताल 19 ग्रामीणों को यह कहकर अपने यहां ले लाया कि उन्हें एंजियोग्राफी करानी होगी. मंत्री ने कहा कि एंजियोग्राफी के बाद अस्पताल ने उनमें से 7 की एंजियोप्लास्टी की और स्टेंट भी डाला. इन सात में से 2 की सोमवार को सर्जरी के तुरंत बाद मौत हो गई. यह आपराधिक लापरवाही के अलावा और कुछ नहीं है.’ 

मंत्री ने कहा कि निजी अस्पतालों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविरों के आयोजन को लेकर जल्द एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जाएगी. ग्रामीणों का कहना है कि उनके रिश्तेदारों को सर्जरी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. उन्हें लग रहा था कि सिर्फ जांच कराई जाएगी. उन्होंने डॉक्टरों के निर्देशानुसार फॉर्म पर दस्तखत कर दिए.

इन 19 मरीजों के रिश्तेदारों अस्पताल के बाहर बनाए गए एक वीडियो में आरोप लगाया कि अस्पताल ने जल्दबाजी में ऑपरेशन किया और सिर्फ आयुष्मान भारत योजना के तहत बिल बढ़ाने के लिए सभी को अंधेरे में रखा. (PTI इनपुट के साथ)

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