Gujarat Riots 2002: तीस्ता ने ही रची थी नरेंद्र मोदी को फंसाने की साजिश, SIT ने चार्जशीट में किया दावा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 21, 2022, 11:11 PM IST

SIT ने चार्जशीट में Teesta Setalvad के अलावा रिटायर्ड DGP श्रीकुमार और सजायाफ्ता पूर्व IPS अधिकारी संजीव भट्ट को भी साजिश का रचयिता माना है.

डीएनए हिंदी: साल 2002 के गुजरात दंगों (Gujarat Riots 2002) से जुड़े एक मामले में स्पेशल जांच टीम (SIT) ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. SIT इन दंगों का आरोप गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर लगाने की साजिश की जांच कर रही है.

SIT ने चार्जशीट में मुंबई की सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) को इस पूरी साजिश की सूत्रधार बताया है, जबकि गुजरात पुलिस के पूर्व DGP आरबी श्रीकुमार (R B Sreekumar) और पूर्व IPS अधिकारी संजीव भट्ट (IPS officer Sanjiv Bhatt) को भी उनका साथ देने का आरोपी बनाया है. 

पढ़ें- 'Ashok Gehlot हों या Shashi Tharoor, राहुल गांधी की कठपुतली होंगे कांग्रेस के नए अध्यक्ष'

Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, SIT ने मंगलवार को दाखिल चार्जशीट में इन सभी पर सबूतों से छेड़छाड़ करने और फर्जी दस्तावेज तैयार करने का आरोप लगाया है. SIT चीफ और एंटी टेरररिस्ट स्क्वॉड (ATS) के डीआईजी दीपन भद्रन (IPS Officer Deepan Bhadran) ने चार्जशीट दाखिल करने की पुष्टि की है.

जमानत पर है तीस्ता, बाकी दोनों आरोपी हैं जेल में

तीस्ता सीतलवाड़ को इस मामले में ही गिरफ्तार किया गया था, लेकिन फिलहाल वह जमानत पर रिहा हैं. श्रीकुमार 25 जून से ही इस मामले में जेल में बंद हैं. श्रीकुमार ने जमानत याचिका दाखिल कर रखी है, जिस पर गुजरात हाई कोर्ट में 28 सितंबर को सुनवाई होगी. संजीव भट्ट पहले से ही साल 1990 के हिरासत में मौत के एक मामले में दोषी पाए जाने पर पालनपुर जेल (Palanpur Jail) में बंद है.

पढ़ें- Congress President Election 2022: गांधी-नेहरू परिवार की छत्रछाया से आज़ाद होगी कांग्रेस, क्या अंगेज़ों के ज़माने में लौट रही पार्टी?

चार्जशीट में लगाई गई हैं ये धाराएं

SIT की तरफ से दाखिल चार्जशीट में तीनों को IPC की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 468 (धोखाधड़ी), 471 (फर्जी दस्तावेजों या इलेक्ट्रानिक रिकॉर्ड को असली बताकर पेश करने), 194 (गंभीर अपराध साबित करने की नीयत से झूठे सबूत देने या बनाने), 211 ( नुकसान पहुंचाने की नीयत से झूठे आरोप लगाने) और 218 (लोक सेवक व्यक्ति को सजा या संपत्ति जब्त होने से बचाने के इरादे से झूठे रिकॉर्ड तैयार करना) के तहत आरोपी बनाया गया है.

पढ़ें- Lalu Yadav बोले- BJP और RSS से मेरी पुरानी दुश्मनी है, 2024 में सत्ता से हटाकर रहूंगा

अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने खोली थी साजिश

अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने गुजरात दंगों में नरेंद्र मोदी, उनके कुछ मंत्रियों और नौकरशाहों को फंसाने की इस साजिश का खुलासा किया था. क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी को क्लीन चिट दी थी. इसके बाद SIT ने क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट के आधार पर ही तीनों के खिलाफ FIR दर्ज करते हुए जांच शुरू की थी.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.