डीएनए हिंदीः साल 2002 के गुजरात दंगों (Gujarat Riots) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सहित कई अन्य लोगों को विशेष जांच दल (SIT) की ओर से दी गई क्लीन चिट के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. बता दें कि जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने 9 दिसंबर, 2021 को दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने SIT की जांच रिपोर्ट को सही माना है. जाकिया जाफरी पूर्व सांसद अहसान जाफरी की पत्नी हैं.
एहसान जाफरी की दंगों में हुई थी मौत
दरअसल, 2002 में गुजरात दंगों के दौरान जाकिया जाफरी के पति तब कांग्रेस से विधायक रहे एहसान जाफरी को दंगाई भीड़ ने मार डाला था. गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसाइटी हत्याकांड में एहसान जाफरी भी मारे गए थे. एहसान जाफरी की विधवा जाकिया जाफरी ने SIT की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी.
ये भी पढ़ेंः शिवसेना के 60 पार्षद भी एकनाथ शिंदे के साथ जाने को तैयार, 12 बजे उद्धव ने बुलाई अहम बैठक
जाकिया जाफरी ने दाखिल की थी याचिका
कांग्रेस विधायक एहसान जाफरी 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसाइटी में हुई हिंसा के दौरान मारे गए 69 लोगों में शामिल थे. जिसके बाद उनकी पत्नी जाकिया जाफरी ने राज्य में दंगों के दौरान गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को एसआईटी की क्लीन चिट को चुनौती दी और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जाकिया जाफरी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इससे पहले न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ से कहा था कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री की किसी भी कथित संलिप्तता के बारे में बिल्कुल भी तर्क नहीं दिया है और वे एक बड़ी साजिश के मुद्दे पर हैं, जो था विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जांच नहीं की.
ये भी पढ़ेंः दांव पर शिवसेना का चुनाव चिन्ह, आज शिंदे गुट ठोकेगा अपना दावा!
क्या थी एसआईटी की रिपोर्ट?
SIT की रिपोर्ट में प्रदेश के उच्च पदों पर रहे लोगों को क्लीन चिट दी गई थी. प्रदेश के उच्च पदाधिकारियों की ओर से गोधरा ट्रेन अग्निकांड और उसके बाद हुए दंगे भड़काने में किसी भी साजिश को नकार दिया था.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.