हिंदी में था बर्थ सर्टिफिकेट, गुजरात के स्कूल ने एडमिशन देने से किया इनकार

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jan 01, 2023, 07:43 PM IST

Hindi में बर्थ सर्टिफिकेट का मुद्दा बढ़ गया है और स्कूल संचालकों ने विवाद बढ़ने के बावजूद कहा है कि वे नियम में बदलाव नहीं कर पाए हैं.

डीएनए हिंदी: देश में हिंदी के विस्तार की बातें कही जा रही हैं. सरकार मेडिकल से लेकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई तक हिंदी में कराई जा रही है. इसके बावजूद हिंदी को लेकर गुजरात से एक विवादास्पद मामला सामने आया है. यहां एक बच्चे को स्कूल में एडमिशन इसलिए नहीं दिया गया क्योंकि बर्थ सर्टिफिकेट हिंदी भाषा में था.  जानकारी के मुताबिक स्कूल का नाम पांडेसरा स्थित मैरी माता स्कूल है. स्कूल के फादर का कहना कि हिंदी और गुजराती में जन्म प्रमाणपत्र लेकर आने पर एडमिशन नहीं दिया जाएगा.

वहीं अब इस मामले को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है क्योंकि अभिभावकों ने अपना विरोध जताया था. स्कूल संचालक ने इस घटना को लेकर कहा कि नियम नहीं बदले जाएंगे. अभिभावक ने जिला शिक्षा अधिकारी से लिखित शिकायत की है.

इसके अलावा शिक्षा विभाग से भी शिकायत करेंगे. जिला शिक्षा अधिकारी ने इस मुद्दे को लेकर कार्रवाई करने के साथ ही छात्र को प्रवेश दिलाने की बात कही है. पांडेसरा के प्रमुख पार्क स्थित मैरी माता स्कूल में धर्मेंद्र पांडे अपने बेटी सोनाली पांडे को केजी में प्रवेश दिलाने के लिए गए थे.

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जानकारी के मुताबिक स्कूल के प्रिंसिपल और स्टाफ ने हिंदी में दिए गए जन्म प्रमाणपत्र को देखकर उन्हें फॉर्म देने से मना कर दिया. उनसे कहा गया कि जन्म प्रमाणपत्र अंग्रेजी में बनवा कर लाएं तभी प्रवेश मिलेगा। इसके बाद अभिभावक ने कहा कि वह बाद में अंग्रेजी में भी प्रमाणपत्र बनवाकर जमा कर देंगे लेकिन स्कूल में फॉर्म देने से इनकार करते हुए उन्हें स्कूल से बाहर निकाल दिया. 

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बता दें कि इनकार करने के साथ ही स्कूल के फादर न स्पष्ट तौर पर कहा है कि उनके ही नियम का पालन करना होगा. उन्होंने कहा कि वे किसी भी नियम को नहीं मानते हैं और वे केवल स्कूल के नियमों का पालन करना पड़ेगा. बिना नियमों के पालन के स्कूल में बच्चों को दाखिला नहीं दिया जाएगा. 

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